Latest news Live updates: From Reserve Bank of India's monetary policy announcement to Covid data, catch all the latest live updates here.
The Reserve Bank of India(RBI) in the Monetary PolicyCommittee’s (MPC’s) statement on Friday announced a rate hike of 50 basis points to 5.40 per cent, highest since 2019. Das said that the consumer price inflation remains uncomfortably high and inflation is expected to remain above 6 per cent. Congress on Friday is holding a nationwide protest against the rise in inflation, GST rate and unemployment. Despite no permission from the Delhi Police, the party leaders said that they will go ahead with their proposed protest march. RBI monetary policy monetary policy
RBI Repo Rate Hike: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसलों का ...
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI द्वारा बैंकों को कर्ज दिया जाता है और बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं. रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI से उन्हें ब्याज मिलता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी एमपीसी की तीन दिन तक चलने वाली मीटिंग में ही रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पर फैसला लिया जाता है. रिजर्व बैंक की एमपीसी में 6 सदस्य होते हैं जिनमें से 3 सदस्य सरकार के प्रतिनिधि होते हैं. बाकी 3 सदस्य भारतीय रिजर्व बैंक का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें आरबीआई गवर्नर भी शामिल हैं. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रुपये में आ रही गिरावट के पीछे का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर में लगातार आ रही मजबूती है. हालांकि अन्य ग्लोबल करेंसी के मुकाबले रुपये में तुलनात्मक रूप से गिरावट कम है. आरबीआई की नीतियों के कारण रुपये में गिरावट पर लगाम लगी है. भारत में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है और पहली तिमाही में देश में 1360 करोड़ डॉलर का एफडीआई निवेश आया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने का अनुमान आईएमएफ से लेकर कई संस्थाओं ने दिया है और ये सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी. रेपो रेट के अलावा आरबीआई ने SDF को 4.65 फीसदी से बढ़ाकर 5.15 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट यानी MSF को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी कर दिया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकररार रहने का अनुमान है. वहीं वित्त वर्ष 2023 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. RBI Monetary Policy: देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसलों का एलान कर दिया है. आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 बेसिस पॉइंट का इजाफा कर दिया है और इसे बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया है. इसका अर्थ है कि आपकी ईएमआई इसके चलते काफी बढ़ने वाली है.
RBI Monetary Policy August 2022 Live Updates: The Reserve Bank of India Monetary Policy Committee is expected to hike repo rate in the range of 35-50 bps on ...
With the onset of RBI monetary policy meeting decision due today the expectations are set towards changes in Repo Rate in a bid to manage overall rising inflationary expectations. The RBI has raised rates twice since May and is expected to hike rates again to tame persistently high inflation in Asia's third-largest economy. It is evident that the MPC is frontloading the rate hikes since it feels that “CPI inflation is above comfort levels”. The MPC has been emboldened to go for this 50 bp hike since “the economic activity is resilient” and “withdrawal of accommodation stance is necessary to anchor inflation expectations”. The RBI governor went so far as to say that ” the Indian economy is holding steady in an ocean of turbulence.” The capacity utilization in industry at 75% is higher than the long-term average. One of the reasons why the RBI has decided to act a tad aggressive in hiking the rate of interest is to protect the Indian currency. Investment philosophies will change as a result of the additional increase of the REPO rate of 5.4 percent to beat inflation. We had expected the RBI to hike the interest rate by 25-35 basis points. With core inflation continuing to hover well above the upper tolerance limit, the RBI increased the repo rate by 50 bps, broadly in line with market expectations. The RBI expects growth in the first quarter of the current fiscal at 16.2 per cent, which will taper to 4 per cent by the fourth quarter. In its previous monetary policy review in June, it had projected retail inflation for 2022-23 at 6.7 per cent, up from 5.7 per cent forecast in April. The RBI raised the benchmark lending repo rate by 50 basis points to 5.40 per cent. However, the governor did mention that the signs of moderation in inflation are emerging in form of ease in metals and food commodities and inflation is expected to be within the tolerance limit at 5.8% by Q4FY23. There was no forward guidance on the rate trajectory going forward, however, we believe that with much of the front loading behind us and oil prices also easing, RBI will go for a 15bps – 25bps hike in the next MPC meeting.” The RBI has been compelled to take steps to control India’s Consumer inflation which has remained above the tolerance level of 6%. So far the commercial banks have transmitted the policy rate hike to the borrowers, resulting in an increase in lending rates across all the sectors including real estate. This is the third consecutive hike in the repo rate in the last three months.
The Reserve Bank of India hikes its key lending rate by 50 basis points to 5.40 percent, the highest since 2019 and for the third time since the beginning ...
- "We think there is decent chance that rupee will see a record low tomorrow," a trader at a Mumbai-based private sector bank said. The RBI continued to sound relatively hawkish while announcing a hike of 50 bps which is the third hike in the current cycle, aggregating to 140 bps. Specially right now, when worries over the trade deficit are significant," a trader at a private sector bank said. For now, however, one can expect further deposit and lending rate hikes by banks, given the improved credit demand in the economy The RBI continues to signal that all options are on the table, which is a prudent strategy given the elevated levels of uncertainties on both, growth as well as inflation." What is noteworthy is that the central bank has not revised its existing growth or inflation forecasts despite indications of a global slowdown, recessionary conditions in the developed economies, and the moderation already witnessed in commodity prices. - "Market interventions by the RBI have helped in containing volatility and ensuring the orderly movement of the rupee. At this point, the central bank believes that India's growth in the current year would be largely resilient with the mitigation of risks of a monsoon failure and a healthy pickup in rural demand. Depreciation more on account of strengthening dollar than weakening domestic conditions. This has taken the repo rate to 5.40%, 25 bps higher than the pre-pandemic repo level. We continue to see a 5.75% repo rate by December 2022." Given the increasing external sector imbalances and global uncertainties, the need for front-loaded action was imperative.
RBI 5 August 2022 Monetary Policy Live Updates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक खत्म हो ...
इस साल की शुरुआत से ही महंगाई दर आरबीआई के टारगेट 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. डीबीएस बैंक में सीनियर इकनॉमिस्ट राधिका राव का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के लिए आरबीआई महंगाई दर के अनुमान को 6.7 फीसदी और ग्रोथ प्रोजेक्शंस को 7.2 फीसदी पर फिक्स कर सकता है. देश के चावल उत्पादक हिस्सों में बारिश की कमी के चलते उत्पादन प्रभावित हो सकता है और महंगाई के खिलाफ आरबीआई की लड़ाई पर इसका असर दिख सकता है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 22-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बरकरार रखा है और वित्त वर्ष 22-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी ही रखा है. हालिया महीनों में रुपये ने कई बार निचला स्तर छुआ और जुलाई में यह एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 रुपये के भाव तक फिसल गया. हालांकि इसके बाद विदेशी निवेशकों की आवक से रुपया मजबूत हुआ. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप के मुख्य अर्थशास्त्री प्रसन्ना अनंतसुब्रमण्यन का कहना है कि आरबीआई को अमेरिका के साथ ब्याज दरों के फासले पर ध्यान रखना चाहिए ताकि रुपये पर किसी भी स्पेक्यूलेटिव दबाव को बनने से रोका जा सके. इसके अलावा बाजार को आरबीआई से उम्मीद है कि पर्याप्त लिक्विडिटी बनी रहेगी. FY23 में महंगाई दर 6.7 फीसदी संभव है. FY23 के Q2 में महंगाई दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है तो Q3 में महंगाई दर 6.4 फीसदी, Q4 में 5.8 फीसदी और FY24 के Q1 में महंगाई दर 5 फीसदी रहने का अनुमान है. Kotak इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के सीनियर इकोनॉमिस्ट सुवोदीप रक्षित का कहना है कि अगस्त मॉनेटरी पॉलिसी में RBI का फोकस डोमेस्टिक इनफ्लेशन को कम करने पर रहेगा. US Fed द्वारा हाल ही में रेट हाइक किया गया है, जिसका अनुमान पहले से था. अब RBI रेपो रेट में 35 bps का इजाफा कर सकता है और अपना रुख कठोर बनाए रख सकता है. RBI MPC Meet News Updates: रिजर्व बैंक ने इस साल मई से अबतक लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में इजाफा किया है. महंगाई टॉलरेंस लेवल से ज्यादा बढ़ चुकी है. महंगाई के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है और रिकवरी में दिक्कत आ रही है. ऐसे में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में आज बढ़ोतरी कर दी है. RBI ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया, जिससे यह 4.90 फीसदी से बढ़कर 5.40 फीसदी हो गया है. इसके पहले जून में रेपोर रेट में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ था. रिजर्व बैंक ने GDP ग्रोथ का अनुमान पहले की तरह 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है. FY23 में महंगाई दर 6.7 फीसदी संभव है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि महंगाई के मोर्चे पर अनिश्चितताएं अभी भी बरकरार हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी महंगाई का असर है. लिक्विडिटी के मोर्चे पर RBI की नजर है. वहीं रिजर्व बैंक का फोकस रुपए की वोलेटिलिटी खत्म करने पर है. आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल से अब तक भारतीय मुद्रा के चलन में 500 अरब रुपये की बढ़त हुई है. यह पिछले साल इसी अवधि के 928 अरब रुपये की तुलना में आधा है। 2020-21 में यह 2.25 लाख करोड़ रुपये थी. पिछले वित्तवर्ष में इसमें 2.80 लाख करोड़ रुपये की बढ़त हुई थी. Kotak Cherry के CEO-Designate श्रीकांत सुब्रमण्यम का कहना है कि यूएस फेड सहित दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के रेट हरइक रुख को देखते हुए आगामी RBI पॉलिसी में रेपो रेट में 35-50 bps बढ़ोतरी के बीच सहमति बन सकती है. मॉनेटरी पॉलिसी मैक्रो डेटा से प्रभावित होती हैं, जहां महंगाई और ग्रोथ को कुछ हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स के साथ ट्रैक किया जाता है. घरेलू स्तर पर, कच्चे तेल के साथ-साथ कमोडिटी में नरमी आई है, जीएसटी कलेक्यान बेहतर हो रहा है, पीएमआई में बढ़ोतरी है, बिजली की खपत में मजबूती है. ये बातें अर्थव्यवस्था के लचीलेपन की ओर इशारा करती हैं. RBI का कहना है कि शहरी मांग में सुधार देखने को मिल रहा है, ग्रामीण मांग में धीरे-धीरे सुधार जारी है. वहीं निवेश में तेजी देखने को मिल रही है. बेहतर मॉनसून से ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी का अनुमान है. बता दें कि मौजूदा साल (2022) में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 225 बेसिस अंकों यानी 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. वहीं भारत में इसके मुकाबले देखें तो आरबीआई ने अगस्त पॉलिसी के पहले अब तक इस साल 0.90 फीसदी का ही इजाफा नीतिगत दरों में किया था. इसके आधार पर माना जा रहा था कि आरबीआई के पास अभी भी ब्याज दरें बढ़ाने के पूरे मौके हैं और इनका इस्तेमाल देश का केंद्रीय बैंक कर सकता है. RBI गवर्नर ने कहा कि करंट अकाउंट डेफिसिट को लेकर चिंता की बात नहीं है. सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनी हुई है.
RBI Monetary Policy Meeting 2022 announcements: भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यी मौद्रिक सीमिति की बैठक में ...
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने कहा कि बैंकों में अधिशेष नकदी कम होकर 3.8 लाख करोड़ रुपये हो गई है। अप्रैल से मई में यह 6.7 लाख करोड़ रुपये थी। पहली तिमाही में एफपीआई बिकवाल रहे। जुलाई से एफपीआई का रुख सकारात्मक हुआ है। भारतीय रुपया व्यवस्थित तरीके से कारोबार कर रहा है। चार अगस्त तक यह 4.7 फीसदी टूटा है। केंद्रीयरिजर्व बैंक की रुपये के उतार-चढ़ाव पर नजर है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रवाह सुधरा और 13.6 अरब डॉलर पर रहा। गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति असंतोषजनक स्तर पर है। महंगाई पर आरबीआई ने अनुमान लगाया कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में यह 6.7 फीसदी पर पहुंच सकती है। जुलाई से सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। तीसरी तिमाही में यह 6.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रह सकती है। अगले वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में महंगाई दर का 5 फीसदी पर रहने का अनुमान है। RBI ने चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। पहली तिमाही में यह 16.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.1 फीसदी और चौथी तिमाही में यह 4 फीसदी रह सकती है। अगले वित्त वर्ष, 2023-24 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी 6.7 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है।
RBI MPC LIVE: The RBI is expected to hike repo rates for the third consecutive time in three months by 35 to 50 basis points in a bid to bring down ...
Reserve Bank of India governor Shaktikanta Das will also address a press conference after the announcing the decisions at 12 pm. In tandem with ECB and US Fed’s rate hike, the central bank is also likely to hike its key policy rate by 35-50 basis points. RBI Monetary Policy Meet: The Reserve Bank of India, or RBI, is all set to hold a press conference on August 5, Friday, on the decisions taken by it during its Monetary Policy Committee (MPC) meeting that had started from August 4 and will conclude today.
RBI Monetary Policy : मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने संबोधन ...
- Q1- 2023-24 के लिए CPI मुद्रास्फीति 5% पर अनुमानित है - FY23 के लिए CPI पूर्वानुमान को 6.7% पर अपरिवर्तित रखा गया है - उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति असहज रूप से उच्च बनी हुई है और इसके 6% से ऊपर रहने की उम्मीद है. - सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) और बैंक दरों को 5.65% पर संशोधित किया गया है. राज्यपाल के अनुसार एसडीएफ दर को 5.15% समायोजित किया गया था. - एमपीसी ने वृद्धि का समर्थन करते हुए मुद्रास्फीति को लक्ष्य के भीतर रखने के लिए ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है. - मुद्रास्फीति अप्रैल में अपने उच्च स्तर से नीचे आ गई है, लेकिन यह असुविधाजनक रूप से उच्च बनी हुई है और लक्ष्य की ऊपरी सीमा से ऊपर है.
In the past two policies, RBI has hiked the repo rate by 90 basis points. Many banks have raised their home loan rates from May to July this year.
On a home loan between ₹30.01 lakh to ₹75 lakh, the rate is 7-7.50% for salaried women and 7.05-7.55% for others. As for credit scores 700-749, the interest rate is 7.75%, and the rate is 7.85% on scores between 650-699. Meanwhile, for self-employed borrowers, the private banker offers a 7.70-8.20% rate on home loans up to ₹35 lakh. The interest rate is 8.05% on credit scores of 550-649. According to Ashish Khandelia – Founder at Certus Capital of Earnnest.me, RBI has already hinted at the withdrawal of its accommodative policy stance and increased the repo rate by 90bps since May 4, 2022. For regular home loans, SBI offers a 7.55% rate on credit scores greater or equal to 800, while the rate is 7.65% on scores between 750-799. Such guidance will temper the future rate hike concerns and soothe the nerves of the market. In fact, any supersized hike in repo rate will go against the palpable recovery in productive sectors like housing and construction which have the highest forward and backward linkages in the economy. In the past two policies, RBI has hiked the repo rate by 90 basis points. We continue to pencil in repo rate at 5.75% by end-FY2023." However, what has to be noted is their tone which has mellowed down over the past couple of weeks where they don't want to compromise on growth to fight inflation. Generally, when RBI hikes the repo rate it increases the cost of funds for lenders like banks.
RBI Monetary Policy LIVE: हाल ही में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने भी ब्याज ...
यह रेपो रेट से उलट होता है। बैंकों के पास जब दिन-भर के कामकाज के बाद बड़ी रकम बची रह जाती है, तो उस रकम को रिजर्व बैंक में रख देते हैं। इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है। रिजर्व बैंक इस रकम पर जिस दर से ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं। जब बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा यानी रेपो रेट कम होगा तो वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं। और यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे। रेपो रेट को आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है। बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है और वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज लेते हैं। इस ऋण पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।