Kenyan runners had ensured a podium clean-sweep in 3000m steeplechase in the last six editions of the CWG. Sable ended it with a breathtaking run in ...
But those around him know of his quiet confidence in his own abilities to challenge the elite of the world. But the last hurdle was also a nervous stutter, though he ran the leader close – to within 0.05 seconds, and finished with a redeeming silver. “I was sent to the USA to train by those supporting me for 4-5 months. I’m sorry I couldn’t today, but I’m happy with the medal,” he would add. He asked his coach a hundred questions about what was wrong with him. Oregon could be said to be the nadir – a rock bottom that was deep and wide, a trough that drove him to so much angst, he bolted out of the barn gates at Birmingham’s Alexander Stadium that he slashed at the Kenyan halo that had held him back. At the 2K mark, he knew he had to push gears. “I sped at 2 km and tried to go into the lead. “I just decided and planned for a medal here. He ran his own race, with the same focus, and did not bother about others.” Rewriting India’s national record for the ninth time – could well be the n-th time – with a timing of 8:11.20, Sable struck at the heart of steeplechase royalty’s dominance. On Saturday, at 10 minutes to noon local time, Sable would start snapping at Kenyan heels, though he wasn’t admittedly even bothering to check where those heels were.
Avinash Sable created history at the Commonwealth Games 2022, by becoming the first Indian steeplechaser to win a medal at the event, as he clinched a ...
World Athletics Championships, becoming the first Indian steeplechaser to do so since Deena Ram in 1991. The idea worked magically, as in 2018, Sable went on to smash a 37-year-old national steeplechase record. He was then posted in Rajasthan where temperatures remain above 50 degrees in the day time.
Avinash Sable won silver in the men's 3000m steeplechase at the Commonwealth Games in Birmingham on Saturday. He clocked 8:11.20 to come second - this is ...
He holds the national records in three separate events – 3000m steeplechase, 5000m and the half marathon. This is the first time after six Commonwealth Games that a non-Kenyan athlete has earned a podium finish in the event. Avinash Sable won silver in the men's 3000m steeplechase at the Commonwealth Games in Birmingham on Saturday. He clocked 8:11.20 to come second - this is his personal best and also a national record.
अविनाश साबले (Avinash Sable) ने 3000 मीटर रेस में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है, लेकिन इस एथलीट ...
दरअसल, साल 2019 में दोहा विश्व चैंपियनशिप के बाद अविनाश साबले भारतीय एथलेटिक्स के नए स्टार बनकर उभरे. साबले यहां भी रूकने वाले नहीं थे, उन्होंने दो बार अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा. हीट में वह अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड समय से तीन सेकेंड तेज दौड़े, हालांकि वह रेस विवादों से घिरी रही. वहीं, इसके बाद साल 2020 के दिल्ली हाफ मैराथन में उन्होंने अपने 1:00:30 रन की मदद से मौजूदा हाफ मैराथन राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया. बताते चलें कि अविनाश साबले 61 मिनट से भी कम समय में हाफ मैराथन खत्म करने वाले महज एकलौते भारतीय हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सिल्वर मेडल जीतने के बाद अविनाश साबले की निगाहें अब 2024 पेरिस ओलंपिक पर होंगी. बहरहाल, साबले का दम पहली बार नेशनल लेवल पर साल 2019 के फेडरेशन कप में दिखा, जिसका आयोजन पटियाला में हुआ था. फेडरेशन कप में साबले ने दूसरी बार नेशनल रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 8:28.94 का समय निकाला, जो उनके पिछले रिकॉर्ड से लगभग एक सेकेंड तेज था. फिर क्या था... साबले को दोहा में होने वाले IAAF विश्व चैंपियनशिप का टिकट मिल गया. जिसके बाद वह 1991 में दीना राम के बाद विश्व चैंपियनशिप में दौड़ने वाले पहले भारतीय पुरुष स्टीपलचेज बन गए. दरअसल, दोहा में आयोजित 2019 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी अविनाश साबले ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. इंटरनेशनल लेवल पर साबले का यह पहला मेडल था. इसके बाद साबले सर्विसेस टीम का हिस्सा बने. हालांकि, साबले की टीम ने प्रतियोगिता जीती लेकिन वह व्यक्तिगत राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री चैम्पियनशिप में पांचवें स्थान पर रहे. इस बीच साबले को चोट लग गई. नतीजतन, ट्रेनिंग की कमी के कारण उनका वजन काफी बढ़ गया. आलम यह था कि साबले के साथियों ने सेना में उनका करियर तकरीबन खत्म समझ लिया, लेकिन यह खिलाड़ी आसानी से हार कहां मानने वाला था. बहरहला, साबले ने जल्द ही 15 किलो से अधिक वजन कम किया और फिर से दौड़ना शुरू कर दिया. बात साल 2017 की है, जब एक रेस के दौरान सेना के कोच अमरीश कुमार का ध्यान साबले की तीव्रता पर गया. जिसके बाद उन्होंने साबले को स्टीपलचेज वर्ग में दौड़ने की सलाह दी. अविनाश साबले 12वीं कक्षा पास करने के बाद भारतीय सेना में भर्ती हुए और 5 महार रेजिमेंट का हिस्सा बने. महार रेजिमेंट का हिस्सा बनने के बाद वह सियाचिन, राजस्थान और सिक्किम में तैनात रहे. दरअसल, कहा जाता है कि इस दौरान उन्होंने दो जलवायु के बीच काफी संघर्ष किया, क्योंकि जहां सियाचिन का तापमान आमतौर पर माइनस में रहता है, तो वहीं राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में तापमान 50 डिग्री आम बात है. सेना के एथलेटिक्स कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अविनाश साबले ने 2015 में ही स्पोर्ट्स रनिंग के बारे में थोड़ी बहुत बात समझी. Avinash Sable Journey: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है. स्टीपलचेजर अविनाश साबले (Avinash Sable) ने 3000 मीटर रेस में सिल्वर मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है. दरअसल, उन्होंने अपना नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर यह सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. उन्होंने सिल्वर मेडल जीतने के लिए 8:11:20 का समय लिया, लेकिन क्या आपको पता है कि अविनाश साबले की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. साबले का अब तक का सफर चुनौतियों से भरा है, लेकिन इस खिलाड़ी के जज्बे को नहीं हरा पाया. दरअसल, स्टीपलचेजर अविनाश साबले ने इस पीढ़ी के भारत के प्रमुख लंबी दूरी के धावक के तौर पर स्थापित किया है. साल 2015 में उन्होंने एक खेल के रूप में अपनाया और अब तक का सफर शानदार रहा है. महाराष्ट्र के बीड जिले के मांडवा गांव में अविनाश साबले का जन्म 13 सितंबर 1994 को हुआ था. अविनाश मुकुंद साबले का परिवार बेहद साधारण था. बहरहाल, घर की माली हालात बहुत अच्छी नहीं थी, माता-पिता किसान थे. वहीं, अविनाश को स्कूल जाने के लिए हर दिन छह किलोमीटर दौड़ना पड़ता था, क्योंकि उस रूट पर सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं था. अविनाश साबले ने कभी भी बड़े होकर किसी भी खेल को अपना करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा, वह सेना में शामिल होकर अपने परिवार की मदद करना चाहते थे.
Avinash Sable, one of India's biggest medal hopes at the Commonwealth Games 2022, brought home a silver in the men's 3000m steeplechase final on Saturday by ...
Avinash Sable, one of India's biggest medal hopes at the Commonwealth Games 2022, brought home a silver in the men's 3000m steeplechase final on Saturday by registering a personal best effort and a new national record. He had clocked 8:12.48 when he finished fifth at the prestigious Diamond League Meeting in Rabat last month. Sable clocked a PB of 8:11:20s to finish behind Abraham Kibiwot and etch his name in the history of Indian track and field.
New Delhi, Aug 6: Avinash Sable won India's first-ever Steeplechase Medal at the Commonwealth Games 2022 in Birmingham, UK, on Saturday by breaking the 3000m ...
Sable had a dismal 11th-place finish at the world athletics championships in Oregon last month after a poor start. Avinash Sable was quick out the blocks during his race at the Alexander Stadium and was in the leading pack with three Kenyan runners who had led the race in the early stages. New Delhi, Aug 6: Avinash Sable won India’s first-ever Steeplechase Medal at the Commonwealth Games 2022 in Birmingham, UK, on Saturday by breaking the 3000m Steeplechase National Record for the 9th time with a time of 8:11.20.
Indian athlete Avinash Sable clinched a silver medal for the country after finishing second in the final of the men's 3000 m steeplechase event at the ...
Kenya's Abraham Kibiwot won the gold medal, clocking the timings of 8:11.15. The bronze medal went to Kenya's Amos Serem, who clocked the timings of 8:16.83. Indian athlete Priyanka Goswami clinched a silver medal for the country after finishing at second position in the final of the women's 10,000 m race walk. Indian athlete Avinash Sable clinched a silver medal for the country after finishing second in the final of the men's 3000 m steeplechase event at the ongoing Commonwealth Games 2022 in Birmingham on Saturday. Sable was not initially in the medal contention as he was at the fourth position when he crossed 1,000 and 2,000 m respectively. Women's 4x100 Relay Heat 1 will take place later in the day in which prominent sprinters Hima Das, Dutee Chand and Sarbani Nanda will take part. She was always in contention for a medal as she was in the first position initially. But in the final 1,000 m, he upped his speed to get to the second position and won a silver for the country. Kenya's Abraham Kibiwot won the gold medal, clocking the timings of 8:11.15.
नई दिल्ली: भारत के अविनाश साबले (Avinash Sable silver medal) ने शनिवार को यहां 2022 राष्ट्रमंडल खेलों ...
Commonwealth Games में भारत के लिए ऐतिहासिक पदक जीतने वाले अविनाश साबले स्पोर्ट्स में करियर ...
भुवनेश्वर में आयोजित 2018 ओपन नेशनल में साबले ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में 8: 29.88 का समय निकाला और 30 साल के नेशनल रिकॉर्ड को 0.12 सेकेंड से तोड़ दिया. साबले ने पटियाला में आयोजित 2019 फेडरेशन कप में 8.28.89 का समय निकाला और नया नेशनल रिकॉर्ड स्थापित किया. किसी बड़े मंच पर भले ही साबले का कॉमनवेल्थ खेलों में पहल पदक हो लेकिन उन्हें इस खेल में आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है और उम्मीद है कि आगे में भारत का तिरंगा लहराते रहेंगे. आर्मी में रहते हुए उन्हें एथलेटिक्स इवेंट में खेलने का मौका मिला. क्रॉस कंट्री के साथ खेलों में उन्होंने न चाहते हुए भी अपने करियर की शुरुआत की. हालांकि उनकी प्रतिभा जल्द ही सबके सामने आ गई. हालांकि चोट के बाद उनका वजन काफी बढ़ गया. लेकिन साबले ने वापसी की और 15 किलो से अधिक वजन कम कर फिर से दौड़ना शुरू किया और अब अविनाश ने रेस को दिल से लेन शुरू कर दिया था. 2017 में उनके सेना के कोच ने उन्हें स्टीपलचेज में दौड़ने की सलाह दी. इसतरह भारत के स्टीपलचेजर की शुरुआत हुई. साबले ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के मेंस 3000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में शनिवार को दूसरा स्थान हासिल किया और सिल्वर जीत लिया. साबले की कहानी सबसे अलग है. उन्होंने खुद को कभी स्पोर्ट्स ले जाने के बारे में नहीं सोचा था. सेना में भर्ती होकर वो अपने परिवार का पालन करना चाहते थे. अविनाश साबले 12वीं क्लास के बाद आर्मी में भर्ती हो गए और 5 महार रेजिमेंट का हिस्सा बने. अपनी सर्विस के दौरान वो सियाचिन में माइनस डिग्री में भी रहे, तो रेगिस्तान के इलाकों में 50 डिग्री तापमान में भी खुद को तपाया. गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें. डीएनए हिंदी: कुछ साल पहले तक लंबी दूरी के धावक के नाम पर भारत का कोटा खाली रहता रहता था. लेकिन 13 सितंबर 1994 को महाराष्ट्र के बीड जिले के मांडवा गांव में जन्मे अविनाश साबले उस जगह को भर दिया. अविनाश साबले एक साधारण परिवार में पले-बढ़े. अविनाश के माता-पिता किसान थे और अविनाश को 6 किलोमीटर पैदल चलकर अपने स्कूल जाना पड़ता था. अविनाश कभी भी खेल में करियर बनाने के बारे में नहीं सोचते थे लेकिन आज उन्होंने भारत को स्टीपलचेज में रजत पदक दिलाकर इतिहास रच दिया. ये भी पढ़ें- CWG 2022: हॉकी मैच में भारतीय महिला टीम के साथ हुए पक्षपात पर भड़के Virender Sehwag, कह दी ये बात
10000 मीटर पैदल चाल में प्रियंका के सिल्वर मेडल के बाद स्टीपलचेजर अविनाश साबले ने 3000 ...
Commonwealth Games 2022: 10,000 मीटर पैदल चाल में प्रियंका के सिल्वर मेडल के बाद स्टीपलचेजर अविनाश साबले (Avinash Sable) ने 3000 मीटर रेस में सिल्वर मेडल जीत लिया है. 13 सितंबर 1994 को महाराष्ट्र के बीड जिले के मांडवा गांव में जन्में अविनाश साबले ने नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर ये मेडल अपने नाम किया है. उन्होंने सिल्वर मेडल जीतने के लिए 8:11:20 का समय निकाला. कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games 2022) के नौवें दिन भारत का ये दूसरा मेडल है. अविनाश साबले गोल्ड मेडल जीतने वाले अब्राहम किबिवॉट से सिर्फ 0.5 सेकेंड पीछे रहे. अब्राहम ने 8.11.15 मिनट में अपनी रेस पूरी की. अविनाश साबले (Avinash Sable) भारतीय सेना में कार्यरत ट्रैक एंड फील्ड एथलीट हैं ,जो 3000 मीटर स्टीपलचेज इवेंट में भाग लेने के लिए प्रसिद्ध हैं. अविनाश (Avinash Sable) के पिता का नाम मुकुंद साबले और भाई का नाम योगेश साबले है. इनके पिता एक किसान हैं. अविनाश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के गवर्नमेंट स्कूल से प्राप्त की और पुणे से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. Commonwealth Games 2022: 10,000 मीटर पैदल चाल में प्रियंका के सिल्वर मेडल के बाद स्टीपलचेजर अविनाश साबले ने 3000 मीटर रेस में सिल्वर मेडल जीत लिया है.
As he walked through the mixed zone at the Alexander Stadium here, Kenya's 3000m gold medallist Abraham Kibiwot was asked whether he ever felt under ...
To beat one Kenyan in 3000m steeplechase is very difficult, Avinash Sable on Saturday got the better of two runners from that country to win a silver medal. But on Saturday, Sable was not bothered by the reputation nor the number of Kenyans in the race (there were three) and ran his own race. “I know the guy who was following me (silver medallist Avinash Sable of India) and I know he is not that fast. Sable entered the Kenyan bastion and came out with a silver medal. He finished the race at 8:11.15 while Sable crossed the line in 8:11.20 a new national record for Sable and his personal best. Kibiwot is a very experienced racer having won the silver medal in 2018 Commonwealth Games in Gold Coast and has represented his country in the World Championships too.
Avinash Sable did altitude training in the Nilgiris, interval training, strength-training including pull-ups, push-ups, sit-ups and lunges, ...
In the next endurance session, Sable would run 10-12km at a pace of 3:30 to 3:40 per km. Sable has done a lot of his altitude training in the Niligiri Hills of Tamil Nadu in the picturesque tea estate town of Coonoor at a height of 1,850m. According to Kumar, on Mondays Sable’s schedule had a 15km run at a pace of 3 minutes 45 seconds per km. Sable also did a lot of lunges,” said Kumar. One exercise Sable didn’t do during altitude training was squats because the form is compromised at high altitudes, explains Kumar. The training plan included long runs of up to 30km for a 3 km race. In his debut Commonwealth Games in Birmingham, Sable is set to compete in the 3,000m steeplechase as well as the 5,000m race. A strong endurance base and high VO2 Max improve speed endurance, which in turn improves speed and that improves athletic performance,” observes Kumar. Performing at this level with that kind of consistency takes a lot of hard work, sacrifice, discipline and training. There were four sessions for endurance, three for strength-training and one session each to work on running speed and steeplechase technique,” Kumar says. To top it all, Sable also holds the national record for the fastest half-marathon which he set at the Airtel Delhi Half Marathon 2020. And the hurt of not being on the podium is likely to spur him on in Birmingham on Saturday, August 6, when the men’s steeplechase finals are scheduled to take place. Even in the 5,000m race, Sable has had a good run this year and posted his personal best timing of 13 minutes and 25.65 seconds.
Bhubaneswar: Odisha Chief Minister Naveen Patnaik has congratulated Avinash Sable on winning silver medal in the men's 3000m steeplechase at the 2022 ...
Wish him all the best for future.#CWG2022 #Birmingham https://t.co/9yTMXpEowJ— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) August 6, 2022Sable bettered his own national record by almost a second to win the silver medal in the men’s 3000m steeplechase at the 2022 Commonwealth Games on Saturday.Sable clocked 8:11.20 to better the previous NR of 8:12.48, set at the Rabat Diamond League earlier this year. CWG 2022: Naveen Congratulates Avinash Sable on Winning Silver in Men’s SteeplechaseFeaturedOdishaBy Newsroom Odisha Network On Aug 6, 2022 Share Bhubaneswar: Odisha Chief Minister Naveen Patnaik has congratulated Avinash Sable on winning silver medal in the men’s 3000m steeplechase at the 2022 Commonwealth Games in Birmingham.Congratulate @avinash3000m on winning #Silver for India in Men’s 3000m Steeplechase at @birminghamcg22. May he continue to excel in his sporting career and achieve bigger milestones.
In an event traditionally dominated by Kenyans, Sable won a silver medal ensuring that Kenyans don't run away with all the medals yet again. | OpIndia News.
He wins🥈in the men's 3000m steeplechase at the CWG with a NR of 8.11.20. It's India's first medal in the event and the 9th time he's broken the NR— jonathan selvaraj (@jon_selvaraj) pic.twitter.com/tN4ZW3cAQr August 6, 2022 This is the 9th time he has broken the national record in the event. Now 27, the man from Beed is doing 🇮🇳 proud on the track. I am delighted he has won the Silver Medal in the men’s 3000m Steeplechase event. Sharing our recent interaction where he spoke about his association with the Army and how he overcame many obstacles. Avinash Sable finished the race with a time of 8:11.20, creating a new national record.
Sable, separated from gold medal winner Kenya's Abraham Kibiwot by five microseconds, was disappointed at missing out on the chance to be at the top of the ...
I spoke to my coaches, spoke to senior players. My target was to set the pace of the race first. Today, I knew I had to prove that whatever I did in practice, hasn’t gone to waste. “I am still sad that I couldn’t take the World Championships medal. I decided to increase my pace in the last lap. I felt the government won’t be happy with me since they sent me abroad to train,” he said. I was seeing him come closer on the screen,” the Kenyan said. I didn’t know he was following my pace. But I fumbled in the last water jump as the guy in front of me came a bit on the outside. Just when we entered the last two kilometres, I started to try and move ahead. “Till the last 2000m, my plan was to follow the Kenyans (Abraham Kibiwot, Amos Serem and Conseslus Kipruto) closely. But the media still needed to hear from him.
Indian athlete puts up epic show to clinch silver medal in men's 3000m steeplechase at CWG.
Sable shifted his base from India to Colorado Springs in April. The AFI hired a new coach, Scott Simmons, and he has been training with him in the US. Running with world-class athletes helped. In the last four years, he has broken the national record nine times. I was not afraid of him so that is why I controlled the race at the front." In 2021, 8:20.20s at the Federation Cup Athletics Championships in Patiala. Then there were 8:18.12s in Tokyo 2020 and 8:16.21 at Indian GP in March this year, followed by 8:12.48s in Rabat and 8.11.20s now. Sable, who had a disappointing World Championships during a tactical race, broke from the Kenyan and threatened to dislodge them from their perch. He has one of the best work ethics. And his inter-state timing in Guwahati in 2018 was 8.49.25s. In such races, the slenderest of margins separate the gold and silver. The clock read 8:11.20s. Kenya's Abraham Kibiwot, who finished fifth at the World Championships, managed to maintain his lead with the timing of 8.11.15s. The other Kenyan, Amos Serem, was way behind Sable in third with a timing of 8:16.83s. Since the 1994 Games when Canada won bronze, this is the first time Kenya failed to sweep the steeplechase event. One of the two athletes touching the tape in a photo finish was not a Kenyan. The man in blue was shaking his head as if in frustration. No, not because of the result.
As he walked through the mixed zone at the Alexander Stadium here, Kenya's 3000m gold medallist Abraham Kibiwot was asked whether he ever felt under.
To beat one Kenyan in 3000m steeplechase is very difficult, Avinash Sable on Saturday got the better of two runners from that country to win a silver medal. He finished the race at 8:11.15 while Sable crossed the line in 8:11.20 a new national record for Sable and his personal best. Sable entered the Kenyan bastion and came out with a silver medal. The Kenyans have won every steeplechase race at the last 10 CWG editions, claiming all the spots on the podium. But on Saturday, Sable was not bothered by the reputation nor the number of Kenyans in the race (there were three) and ran his own race. “I know the guy who was following me (silver medallist Avinash Sable of India) and I know he is not that fast.