आज से 77 साल पहले दुनिया ने आसमान से मौत की बारिश देखी थी। तब जापान के हिरोशिमा शहर पर ...
Hiroshima Day is celebrated every year to promote peace among nations and to create awareness about the devastating results of nuclear weapons.
The day is observed every year as a reminder of the brutal killings of innocent civilians. Hiroshima Day is celebrated every year to promote peace among nations and to create awareness about the devastating results of nuclear weapons. Hiroshima Day is celebrated every year to promote peace among nations and to create awareness about the devastating results of nuclear weapons.
On August 6th, the Hiroshima Day Memorial Service is held to commemorate the victims of the atomic bombing of Hiroshima. The service is celebrated in many ...
Hiroshima Day Memorial Serviceis held to commemorate the victims of the atomic bombing of Hiroshima. The service is celebrated in many countries around the world, and it is an important event in the history of Hiroshima. Japan, in 1945, at the end of Hiroshima Dayis observed on August 6 to commemorate the atomic bombing of Hiroshima,
HIROSHIMA DAY HISTORY: On this day in 1945, the American bomber B-29 dropped a five-ton atomic bomb on the Japanese city of Hiroshima. The nuclear bomb that was ...
Hiroshima Day 2022 marks the 77th anniversary of the Hiroshima nuclear bombing. The Secretary-General's visit to Hiroshima comes against a backdrop of global discussions on nuclear disarmament. This day is a reminder of the bombing attack on Hiroshima by the United States during World War II.
Hiroshima Day: परमाणु हमले के बाद पूरा हिरोशिमा शहर समतल जमीन में तब्दील हो गया.
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Hiroshima Day: On 6th August, Hiroshima Day is observed every year to spread awareness of the horrific effects of the atom bomb blasts and to promote peace ...
The first atom bomb was known as ‘Little Boy’ and another was named ‘Fat man’. On this day in 1945, the United States dropped an atomic bomb on Hiroshima, a Japanese city during World War II. The atomic blast was massive and destroyed 90 per cent of the city and killed thousands of people. This was the first time that a nuclear bomb was used in a war other than testing.
Hiroshima Day 6 August 1945 अमेरिका ने आज के ही दिन 1945 में जापान के हिरोशिमा शहर पर पहला परमाणु बम ...
Hiroshima Day serves as a reminder of the devastation caused by nuclear warfare and aims to raise awareness about nuclear disarmament throughout the world.
This year marks the 77th anniversary of the Hiroshima and Nagasaki atomic bombing. Another atomic bomb was also dropped on the city Nagasaki on 9 August 1945. Hiroshima Day is commemorated every year on 6 August to mark the anniversary of the atomic bombing of the Japanese city Hiroshima during World War 2.
Hiroshima Day is observed on August 6 to commemorate the atomic bombing of Hiroshima, Japan, in 1945, at the end of World War II. An estimated 80000 people ...
Though Japan recovered from the attack and has since flourished, the shadow of a nuclear war continues to haunt it. Japan carried out several attacks against the United States and the British forces to seize control of European and American colonies in Southeast Asia and their resources. Hiroshima Day, which is observed at the Hiroshima Peace Memorial Park, Japan, highlights the effects of nuclear wars, pays respect to those who got killed, discourages nuclear proliferation and promotes world peace.
आज से 77 साल पहले अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम से हमला किया था. 6 अगस्त 1945 को जापान के ...
हिरोशिमा और नागासकी से जुड़ी त्रासदी के बाद खौफ और डर हर तरफ था. परमाणु अप्रसार की बातें भी हर तरफ हुईं. फिर परमाणु बमों को लेकर देशों की आकर्षण किसी भी तरह कम नहीं हुआ. नतीजा ये है कि आज दुनिया में रूस के पास सबसे ज्यादा परमाणु बम हैं. रिपोर्ट्स के मुताबकि रूस के पास 6, 255 परमाणु बम हैं. वहीं अमेरिका के पास 5550 परमाणु हम हैं. इसके अलावा चीन के पास 350, फ्रांस के पास 290, ब्रिटेन के पास 225, पाकिस्तान के पास 165, भारत के पास 156 परमाणु बम हैं. सन् 1945 पूरी दुनिया के लिए ही एक त्रासद साल था. दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था. जर्मनी ने आत्मसमर्पण कर दिया था. सिर्फ जापान ही था जिसने हार नहीं मानी थी. ऐसे में अमेरिका ने ब्रिटेन और सोवियत संघ के साथ मिलकर यह तय किया कि जापान के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और परमाणु हमला इसी सख्त कदम के रूप में सामने आया. 6 अगस्त 1945 की सुबह हिरोशिमा पर परमाणु बम से हमला कर दिया गया. देखते ही देखते कुछ मिनटों में लगभग पूरा शहर जलकर राख हो गया. इस पर भी अमेरिका रुका नहीं, तीसरे दिन 9 अगस्त को जापान के दूसरे शहर नागासाकी पर परमाणु बम गिरा दिया गया. इस हमले में जापान के 2 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे. जो लोग जिंदा रह भी गए थे उनके लिए जीने लायक कुछ बचा नहीं था. जापान पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. डीएनए हिंदी: आज हिरोशिमा दिवस है. ये दिन मानव सभ्यता की सबसे भीषण त्रासदी की याद दिलाता है. आज से 77 साल पहले अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम से हमला किया था. 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु हमला हुआ और तीन दिन बाद नागासाकी शहर पर बम गिराया गया. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस हमले में 2 लाख से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. इस हमले ने इन दो शहरों ही नहीं पूरे जापान देश को बर्बाद कर दिया था. ये पूरा मामला दूसरे विश्व युद्ध से जुड़ा था और जापान को झुकाने के लिए ये कदम उठाया गया था. 15 अगस्त 1945 को जापान ने हार मान ली और दूसरे विश्व युद्ध का अंत हो गया. मगर एक चीज हमेशा के लिए रह गई और वो थी इस हमले के जख्म. पूरी दुनिया ने इस परमाणु हमले का अंजाम देखा और खौफ भी महसूस किया. युद्ध खत्म होने के बाद परमाणु हथियार इस्तेमाल ना करने से जुड़े समझौते को लेकर भी बातचीत शुरू हुई. कई दौर की बातचीत और चर्चाओं के बाद सन् 1995 में NPT ( परमाणु हथियारों का अप्रसार) संधि को लेकर दुनिया के ज्यादातर देश सहमत हुए. संयुक्त राष्ट्र संघ की वेबसाइट के मुताबिक दुनिया के 191 देश इस संधि से जुड़े हैं. इसमें 4 न्यूक्लियर देश भी शामिल हैं. बता दें कि भारत, पाकिस्तान, इजरायल ने अब तक इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.जबकि उत्तर कोरिया ने सन् 2003 में इस संधि से खुद को बाहर कर लिया था, हालांकि इस बात को सदस्य देशों द्वारा अब तक स्वीकार नहीं किया गया है. NPT परमाणु हथियारों के अप्रसार से जुड़ी संधि है. इसका उद्देश्य "परमाणु हथियारों और हथियार बनाने से जुड़ी तकनीक के प्रसार को रोकना, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग को बढ़ावा देना है. एक परमाणु बम में इतनी ताकत होती है कि एक साथ करोड़ों लोगों को मारा जा सकता है. इन बमों की शक्ति का आधार परमाणु के नाभिकीय या न्यूक्लियर कणों का टूटना होता है. साइंस की भाषा में कहें तो कणों के fission से इन बमों में विस्फोट होता है.परमाणु बमों से बड़ी मात्रा में रेडिएशन निकलते हैं और इनका असर बहुत लंबे समय तक रहता है.