Nupur Sharma moved the top court in June, alleging that FIRs were registered against her in a coordinated attempt to silence her and impinge on her right to ...
On July 1, the bench junked Sharma’s request to consider transferring all the FIRs against her to Delhi, castigating her for her comments. She contended that there were threats being extended to her and her family members. Justice Kant further told the senior lawyer: “Monitoring of investigation by a court is something I did not appreciate even as a high court judge. She is a complainant in that FIR and not an accused. “The FIR at Delhi is an FIR filed by her against some unknown persons for extending threats to her. On July 20, another top court bench, which included justice Kant, granted interim bail to Zubair in seven criminal cases registered against him in Uttar Pradesh over his tweets and ordered his immediate release from jail.
Prophet remarks row: The Supreme Court has extended interim protection to Nupur Sharma till probe is over.
and in that event, the investigation of the FIR or complaint to be registered in future shall also stand transferred to the IFSO unit of the Delhi Police for the purpose of investigation”. But the problem here is that they are forum shopping”. “We would have agreed but for the circumstances that led to our order of July 19. The bench said the directions “shall also extend to any other FIR/ complaint which may be registered/ entertained against the petitioner… Referring to the storm over Sharma’s remarks, Guruswamy urged the court to set up an SIT to probe the matter. Sharma’s counsel, Senior Advocate Maninder Singh, told the bench that the petitioner had come to know about two more FIRs filed against her.
Nupur Sharma News: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देकर मुश्किलों में घिरीं भारतीय जनता पार्टी ...
देश के अलग-अलग हिस्सों से उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही थी. इससे परेशान नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. उन्होंने एक याचिका दाखिल कर कहा था कि चूंकि उनकी जान को खतरा है, देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाये और उसकी जांच यहीं पर हो. हालांकि, उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जज ने सख्त टिप्पणी की थी. जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा था कि नूपुर शर्मा ही इस मामले में अकेले दोषी हैं. उनकी वजह से देश भर में माहौल खराब हुआ है. नूपुर शर्मा ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर यह मांग की थी. दरअसल, नूपुर के बयान पर पूरे देश में उनके खिलाफ माहौल बन गया था. उनके खिलाफ महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान के अलावा देश के कई राज्यों में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. नूपुर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गयी थी. साथ ही अलग-अलग संगठनों एवं व्यक्तियों की ओर से भाजपा की निलंबित नेता और उनके परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी गयी थी. नूपुर शर्मा को बलात्कार की भी धमकियां मिल रहीं थीं. Nupur Sharma News: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देकर मुश्किलों में घिरीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित नेता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नूपुर शर्मा की याचिका पर उनके खिलाफ देश भर में दर्ज कराये गये मामलों को क्लब करके दिल्ली ट्रांसफर करने के आदेश दे दिये हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब उनके खिलाफ दर्ज कराये गये मामलों की जांच दिल्ली पुलिस करेगी.
Lagatar24 Desk. New Delhi, Aug 10: The Supreme Court declared on Wednesday, to the great relief of the now-suspended BJP leader, that the Delhi Police will ...
This afternoon, a new list was made public, designating Wednesday for the hearing on the subject. The court further stated that additional FIRs against Sharma for her comments regarding the Prophet will be immediately sent to the Delhi Police. The top court announced that Nupur Sharma’s temporary protection from arrest, which was granted on July 19, will also continue. New Delhi, Aug 10: The Supreme Court declared on Wednesday, to the great relief of the now-suspended BJP leader, that the Delhi Police will conduct the investigation into the 10 cases against Nupur Sharma that had been filed across the nation as a result of her remarks regarding the Prophet Mohammed. Due to her remarks on the Prophet Mohammed, Nupur Sharma found herself in the centre of a huge international controversy.
All cases filed across the country against Nupur Sharma for her comments about the Prophet Mohammed will be transferred to Delhi, the Supreme Court ordered ...
"The IFSO shall be at liberty to take assistance from other police forces to bring the case to a logical end. Nupur Sharma was caught in the eye of a massive whirlpool of international row for her comments about the Prophet Mohammed. This will set a wrong precedent if allowed."
The Supreme Court on Wednesday transferred probe into multiple FIRs lodged against suspended BJP leader Nupur Sharma over her remarks on Prophet Mohammed ...
It also ordered that all future FIRs would also stand transferred to the Delhi police. On July 19, the court had ordered that no coercive action can be taken against Sharma in FIRs registered so far and also in cases, which could be lodged in future in connection with her remarks. Senior advocate Menaka Guruswamy, representing the West Bengal government, objected to the plea for the transfer of FIRs to Delhi by saying that the first case against her was registered in Mumbai. Maintaining that the accused cannot be allowed to pick the jurisdiction, she claimed the maximum impact of her statement was felt in West Bengal, so the state police should also be roped in during the probe.
Nupur Sharma दिल्ली पुलिस की साइबर सेल उक्त मामलों की जांच कर सकती है। दिल्ली पुलिस के ...
The Supreme Court on Wednesday, 10 August, clubbed all FIRs against suspended BJP spokesperson Nupur Sharma over her controversial remarks against Prophet ...
She should apologise to the whole country," Bar and Bench had quoted Justice Surya Kant as saying. now another 3 to 4 FIRs have been registered..." I had to withdraw... Nupur Sharma’s counsel had claimed, when the matter was filed afresh, that there is “ever increasing serious threat” to her life and said: “We have seen in past how these situations pan out. Subsequently, she approached the court with a fresh Miscellaneous Application seeking revival of that petition. This is the same bench of the Supreme Court that had previously heard Sharma's petition.
Nupur Sharma Comment: सभी FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग पर कोर्ट ने तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, ...
जजों ने मेनका गुरुस्वामी की मांग नामंजूर करते हुए कहा कि मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने की सबसे बड़ी वजह नूपुर शर्मा की जान को खतरा है. कोर्ट ने हाल ही में धार्मिक भावनाएं भड़काने से जुड़े मामलों में वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर को दी गई राहत का हवाला दिया. उस मामले में जुबैर के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर किए गए थे. जजों ने यही राहत नूपुर को भी दे दी. कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर किए जा रहे हैं, ऐसे में अगर नूपुर उन्हें रद्द करवाना चाहे तो उसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती है. कोर्ट ने नूपुर की गिरफ्तारी पर पहले लगाई रोक को जारी रखने का आदेश देते हुए मामले का निपटारा कर दिया. जजों ने नूपुर पर खतरे की बात को स्वीकार करते हुए 8 राज्यों में दर्ज एफआईआर में कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. सभी FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग पर कोर्ट ने तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली को नोटिस जारी किया था. आज पश्चिम बंगाल सरकार के लिए पेश वकील मेनका गुरुस्वामी ने नूपुर की मांग का जोरदार विरोध किया. उन्होंने कहा कि पहली एफआईआर जिसमें नूपुर को आरोपी बनाया गया था, वह मुंबई में दर्ज हुई थी. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट चाहे तो मुंबई में सभी मामलों को ट्रांसफर कर दे. मेनका ने यह भी कहा कि अगर दिल्ली सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर किए जाते हैं, तो भी जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस को न दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से एसआईटी का गठन कर दे. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी तरफ से सुझाव देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस की Intelligence Fusion and Strategic Operations (IFSO) एक विशेषज्ञ यूनिट है. अच्छा हो कि वह सभी FIR की जांच करे. अगर ज़रूरी लगे तो दूसरे राज्यों की पुलिस से भी सहायता ले. 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की याचिका ठुकरा दी थी. जस्टिस सूर्यकांत और पारडीवाला की बेंच ने कहा था कि नूपुर देश भर में दर्ज एफआईआर में जमानत के लिए अलग-अलग शहरों की कोर्ट में आवेदन दे. अगर उन्हें एफआईआर रद्द करवानी हों, तो उस राज्य के हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करे. जजों ने मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि देशभर में जितनी भी हिंसा भरी घटनाएं हो रही हैं, उन सबकी वजह नूपुर शर्मा का 26 मई को दिया गया बयान है. Nupur Sharma Comment: पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी मामले में बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर से जुड़े देशभर में दर्ज 10 एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर कर दिए हैं. अब सभी मामलों की जांच दिल्ली पुलिस करेगी. कोर्ट ने साफ किया है कि भविष्य में इस मामले में दर्ज होने वाले सभी एफआईआर भी दिल्ली ट्रांसफर होंगे. जस्टिस सूर्यकांत और जमशेद पारडीवाला की बेंच ने कहा है कि नूपुर चाहे तो एफआईआर रद्द करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती है. उनकी गिरफ्तारी पर रोक भी जारी रहेगी. यह वेबसाइट कुकीज़ या इसी तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करती है, ताकि आपके ब्राउजिंग अनुभव को बेहतर बनाया जा सके और व्यक्तिगतर तौर पर इसकी सिफारिश करती है. हमारी वेबसाइट के लगातार इस्तेमाल के लिए आप हमारी प्राइवेसी पॉलिसी से सहमत हों. 19 जुलाई को एक बार फिर मामला इन्हीं 2 जजों की बेंच के सामने आया. तब नूपुर के लिए पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने यह जानकारी कोर्ट के सामने रखी कि नूपुर की जान को गंभीर खतरा है. सुप्रीम कोर्ट की पिछली सुनवाई के बाद से उसे और भी अधिक धमकियां मिल रही हैं. अजमेर शरीफ दरगाह के एक खादिम का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें नूपुर का गला काटने की बात कही जा रही है. ऐसी बातें और कई लोग कर रहे हैं. ऐसे में उसे हर राज्य की पुलिस और वहां की अदालत के सामने पेश होने के लिए मजबूर करना खतरे को और बढ़ाने वाली बात होगी.
The Supreme Court has accepted a petition by Nupur Sharma to merge all the FIRs filed against her at various places | OpIndia News.
In either of the cases, Judicial accountability should dictate that the Judges explain themselves to the public and the petitioner so the sanctity of the higher court of the nation is maintained and its majesty is not compromised. Going forward, the strategy of the Islamist-Left cabal is clear – they would file cases in friendly states and insist that those they don’t agree with are hounded, incarcerated and intimidated to keep quiet. The liberals have been signalling for a long time that those states where there is a non-BJP government need to file FIRs mindlessly and start arresting those who are a threat to their ecosystem. However, they considered it their constitutional right to demand that Nupur Sharma’s cases be transferred to Bengal. When that request was rejected, they proceeded to display their desperation further by demanding that a joint SIT be formed, comprising of Bengal and Delhi police, monitored by another SIT headed by the HC or SC. They claimed she had a “loose tongue”, that she had set the country on fire, held her responsible for the beheading of Kanhaiya Lal almost exonerating and emboldening the Muslim perpetrators and claimed that her retraction was not good enough as she should have gone on national television to apologise to the entire nation. Elected politicians are accountable to the people and to a large extent, to the judiciary. Given that the law about clubbing of the FIRs has been established time and against by the Supreme Court, one knows for a fact that their judgement on the 1st of July was bad in law. What is far more troubling, is that during the 1st July hearing, the court had specifically cited the case of Mohammad Zubair. They raised questions as to how he was arrested while Nupur Sharma was not. It must be kept in mind that these were oral observations of the Judges and they did not make it to the written order. They also took cognisance of the threat to life she faced, that she faced on the 1st of July as well. The Supreme Court of India has accepted a petition by former BJP spokesperson Nupur Sharma to merge all the FIRs filed against her at various places in the country and transfer them to Delhi. A bench of justices Surya Kant and JB Pardiwala passed the order. The Supreme Court considered the threats that Nupur Sharma continues to receive for her comments made on Times Now in June while taking the decision.
The court refused a suggestion made by West Bengal counsel and senior advocate Menaka Guruswamy for a joint special investigation team to probe the case under ...
Consider the nature of the issue which has caused an impact on our democracy and tainted the rule of law," Ms. Guruswamy argued. The bench also extended the interim protection that it had granted to Ms. Sharma on July 19 till the completion of the Investigation. The Bench extended the protection granted to Ms. Sharma on July 19 to continue till the end of the investigation.
Order also applicable to all future FIRs that may be registered against suspended BJP spokesperson with respect to her comments.
A bench of Justices Surya Kant and J.B. Pardiwala extended until further orders the interim protection from any coercive action granted to Sharma on July 19 till the Intelligence Fusion & Strategic Operations (IFSO) of the Delhi police concluded the probe. The senior counsel referred to the recent apex court order to club the multiple FIRs against Alt News co-founder Mohammed Zubair and transfer all the cases against him to Delhi on his request. The court granted Sharma liberty to approach Delhi High Court for appropriate remedy to quash the FIRs registered against her.
Multiple FIRs have been filed against Sharma, across different states including Delhi, West Bengal and Maharashtra, for her remarks on the Prophet during a ...
and in that event, the investigation of the FIR or complaint to be registered in future shall also stand transferred to the IFSO unit of the Delhi Police for the purpose of investigation”. But the problem here is that they are forum shopping”. “We would have agreed but for the circumstances that led to our order of July 19. The bench said the directions “shall also extend to any other FIR/ complaint which may be registered/ entertained against the petitioner… Referring to the storm over Sharma’s remarks, Guruswamy urged the court to set up an SIT to probe the matter. Sharma’s counsel, Senior Advocate Maninder Singh, told the bench that the petitioner had come to know about two more FIRs filed against her.
भारत न्यूज़: नूपुर शर्मा के वकील की ओर से बताया जा रहा है कि उनको जान का खतरा है इसलिए ...