भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना', 'बहना ने भाई की कलाई पे प्यार बांधा है', 'अबकी बरस भेज ...
Raksha Bandhan Review : ये कहानी है चांदनी चौक में रहने वाले अक्षय कुमार यानि लाल केदारनाथ चाट की ...
हिमांशु शर्मा और कनिका ढिल्लों ने फिल्म को कमाल तरीके से लिखा है. डायलॉग आपको खूब हंसाते हैं और एंटरटेन करते हैं. फिल्म का म्यूजिक भी अच्छा है और फिल्म की पेस पर फिट बैठता है. फिल्म 1 घंटा 50 मिनट की है और बहुत तेजी से बिना बेकार का ज्ञान दिए आगे बढ़ती है और ये एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक है..छोटी होने की वजह से ये फिल्म बिल्कुल बोरिंग नहीं लगती और इसके शोज भी ज्यादा चलाए जा सकते हैं. अगर एक साफ सुथरी एंटरटेनिंग फिल्म देखना चाहते हैं तो जरूर देखिए रक्षा बंधन. ये फिल्म एंटरटेनिंग तरीके से एक मजबूत मैसेज देती है. भले ये मैसेज पुराना है, लेकिन शायद सब तक ये अब नहीं पहुंचा है और इस फिल्म के जरिए पहुंचना चाहिए. फिल्म देखकर जब आप बाहर निकलते हैं तो कुछ लेकर आते हैं. एक मैसेज और साथ में अक्षय एंड सिस्टर्स के चेहरे जो आपकी आंखों के आगे घूमते रहेंगे. आनंद राय कमाल के कहानीकार हैं.फैमिली फिल्में बनाने के वो एक्सपर्ट हैं.ये बात फिर साबित हुई. इस फिल्म को U सर्टिफिकेट मिला है और इसे आप फैमिली के साथ बड़े आराम से देख सकते हैं. अक्षय कुमार ने कमाल का काम किया है. शुरू में आपको लगता है कि वो ओवरएक्टिंग कर रहे हैं, लेकिन फिर पता चलता है कि ये किरदार ही ऐसा है.अक्षय आपकी आंखों से आंसू निकाल देते हैं.अक्षय की बहनों के किरदार में सादिया खतीब (Sadia khateeb), सहजमीन कौर (Sahejmeen kaur), दीपिका खन्ना (Deepika khanna), स्मृति श्रीकांत (Smrithi srikanth) ने कमाल का काम किया है.भाई और बहनों के बीच का बॉन्ड जबरदस्त है.आपको अपने भाई बहनों की याद और उनके साथ बिताए पलों की याद जरूर आएगी. भूमि पेडनेकर के पास चुनौती थी अक्षय एंड सिस्टर्स के बीच खुद को साबित करने की, लेकिन भूमि ने हमेशा की तरह दिखा दिया कि क्यों वो शानदार एक्ट्रेस हैं. ये कहानी है चांदनी चौक में रहने वाले अक्षय कुमार यानि लाल केदारनाथ चाट की दुकान चलाते हैं. केदारनाथ की चार बहने हैं और उसे चिंता है उनकी शादी की और शादी में देने वाले दहेज की. इन शादियों के लिए केदारनाथ क्या-क्या करता है. इसी कहानी को आनंद राय ने बड़े सिंपल तरीके से दिखाया है. कहानी इतनी सिंपल है कि आपको लगेगा ये तो बहुत बार सुनी है लेकिन इसे जिस तरह से कहा गया है वो दिल को छू लेता है और आंखों में आंसू छोड़ जाता है. रेटिंग -5 में से 4 स्टार ये भी पढ़ें : Laal Singh Chaddha Review : आमिर खान ने फिर दिखा दिया क्यों हैं वो जीनियस...रुला देगी ये कहानी Raksha Bandhan Movie Review : मेरी मम्मी कहती हैं कि जिंदगी गोलगप्पे जैसी होती है. पेट भले भर जाए पर मन नहीं भरता.आप सोचेंगे कि लाल सिंह चड्ढा (Laal Singh Chaddha) का डायलॉग रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के रिव्यू में कैसे तो लाल सिंह चड्ढा में जहां आमिर ट्रेन में गोलगप्पे खाते हैं तो वही रक्षा बंधन में अक्षय चांदनी चौक में गोल गप्पे बेचते हैं. तो कैसे हैं अक्षय के ये गोल गप्पे.
फ़िल्म के एक दृश्य में एक संवाद है कि जो भी लड़का इस मोहल्ले में किसी लड़की को छेड़ेगा, ...
अक्षय कुमार अभिनय में अपने चित परिचित अंदाज़ में ही नज़र आए हैं. इमोशनल दृश्यों में वह जमे हैं जबकि कॉमेडी में इस बार वह बहुत लाउड हो गए हैं.फ़िल्म में उनका लुक भी उनके साथ इस बार भी न्याय नहीं कर पाया हिमउनकी मूंछे इस फ़िल्म के भी कई दृश्यों में अजीबोगरोब सी लगती है.दाढ़ी में सफेद बाल है लेकिन मूंछे एकदम काली क्योंकि वो नकली हैं.पूरी फिल्म अक्षय कुमार की है.बाकी के किरदारों को गढ़ने में ज़्यादा ध्यान नहीं दिया गया है.जिस वजह से वह स्क्रीन पर ज़्यादा छाप नहीं छोड़ पाए हैं . फ़िल्म की सारी लड़कियों की ज़िंदगी का मकसद सिर्फ शादी ही है और यह शादी आसान भी नहीं है, क्योंकि अपनी बहनों की शादी के लिए केदार को ढेर सारे दहेज की ज़रूरत है. बाप-दादाओं के लिए अजीबोगरीब लिए कर्ज के लोन को वह अब तक चुका रहा है.उसपर इतना दहेज कैसे जमा पाएगा. क्या अक्षय अपनी बहनों के लिए दहेज इकट्ठा कर पाएगा.यही मेलोड्रामा से भरी फ़िल्म की कहानी है. फ़िल्म की कहानी दहेज जैसे मुद्दे पर चोट करने के लिए बनायी गयी है लेकिन फ़िल्म में यह मुद्दा उस तरह से प्रभावी बन नहीं पाया है .इंटरवल के बाद उम्मीद जगी थी लेकिन सबकुछ मेलोड्रामा और मसखरेपन में ही खत्म हो गया. आमतौर पर निर्देशक आनंद एल राय की फिल्मों में महिला पात्र बहुत सशक्त होती हैं, लेकिन इस फ़िल्म में उन्हें हर दूसरे दृश्य में कमतर महसूस करवाया गया है. मोटापे, उनके रंग से लेकर उनके कपड़े पहनने के ढंग तक सभी का मज़ाक बनाया गया है. सबसे बुरा पहलू ये है कि एक वक्त पर इन लड़कियों को भी ये लगने लगता है कि यह उनकी खामी है और ये इस पर काम करेंगी. आखिर के कुछ दृश्यों में ही महिला सशक्तिकरण सही ढंग से परदे पर आ पाया है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है.दिल्ली के चांदनी चौक के सेट को बखूबी गढ़ा गया है. गीत-संगीत औसत है तो फ़िल्म के संवाद बहुत ज़्यादा रिग्रेसिव हैं. फ़िल्म के एक दृश्य में एक संवाद है कि जो भी लड़का इस मोहल्ले में किसी लड़की को छेड़ेगा, उस लड़के को उस लड़की के साथ शादी करनी पड़ेगी. यह संवाद फ़िल्म के नायक के हैं . कमाल की बात है कि यह 70 या 80 के बैकड्रॉप पर बनी फिल्म नहीं है यह आज के समय की फ़िल्म है. फ़िल्म से जुड़े मेकर्स यह दलील दे सकते हैं कि यह फ़िल्म दहेज जैसे अहम मुद्दे पर संदेश देती है ,लेकिन जिस तरह से फ़िल्म का ट्रीटमेंट और स्क्रीनप्ले है वह इस मुद्दे को ना सिर्फ हल्का कर गया बल्कि महिला पात्रों को बहुत कमज़ोर बना गया है. कुलमिलाकर मामला रक्षा में हत्या वाला हो गया है. संजीदा विषय वाली इस फ़िल्म का स्क्रीनप्ले और किरदार बेहद असंवेदनशील हैं. फ़िल्म की कहानी दिल्ली के चांदनी चौक के रहने वाले केदार(अक्षय कुमार) की है. जिसकी गोलगप्पे की दुकान है. 80 के दशक की फिल्मों की तरह उसने अपनी मरती मां को वचन दिया है कि वह चारों बहनों की शादी करने के बाद ही अपनी शादी करेगा. उसकी प्रेमिका सपना (भूमि पेंडेकर) भी उसके साथ शादी के इंतज़ार में बैठी है.
रक्षा बंधन और 15 अगस्त के मौके पर दो बड़ी फिल्में- 'रक्षा बंधन' और 'लाल सिंह चड्ढा' रिलीज ...
आनंद एल राय की इस बात की तारीफ की जा सकती है कि इस दौर में उन्होंने भाई-बहन के रिश्ते पर ...
अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर स्टारर फिल्म 'रक्षा बंधन' को बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ही ...
हालांकि, अक्षय कुमार की हालिया रिलीज़ कुछ फिल्मों से तुलना करें तो 'रक्षा बंधन' की कमाई कम हुई है। अक्षय की पिछली फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' ने पहले दिन 10.5 करोड़ की कमाई की थी। इससे पहले लॉकडाउन के दौरान रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म 'सूर्यवंशी' ने रिलीज के पहले ही दिन 26.29 करोड़ रुपये की धमाकेदार कमाई करके सबको हैरान कर दिया था। हाल ही में अक्षय कुमार की 'बच्चन पांडे' भी रिलीज़ हुई थी, जिसकी कहानी कमजोर बताई जा रही थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर पहला धमाका इसने भी तगड़ा किया था। अक्षय की इस फिल्म ने 13.25 करोड़ रुपये की जबरदस्त कमाई कर ली थी। इस फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर 'द कश्मीर फाइल्स' से टक्कर हुई थी। वहीं पिछले साल अगस्त में रिलीज़ हुई अक्षय कुमार की फिल्म 'बेल बॉटम' की बात करें तो इस फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर सबसे अधिक दुर्गति हुई थी। फिल्म ने ओपनिंग डे पर सिर्फ 2.75 करोड़ रुपये का बिजनस किया था जबकि उम्मीद थी कि यह 5 करोड़ के आसपास करेगी। इस फिल्म में अक्षय कुमार, लारा दत्ता, वाणी कपूर और हुमा कुरैशी जैसे कलाकार थे। हालांकि, साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि फिल्म की कमाई में 'लाल सिंह चड्ढा' के ऑपोजिट यह इम्प्रूवमेंट शायद इसलिए भी रही क्योंकि यह रक्षा-बंधन के त्योहार का खास मौका था। इसी के साथ फिल्म की कमाई में बढ़ोतरी की उम्मीद भी की जा रही है। फिल्म 11 अगस्त को रिलीज हुई और कई जगहों पर इसी दिन रक्षा-बंधन सेलिब्रेट किया गया और आज 12 अगस्त को भी इस त्योहार को सेलिब्रेट किया जा रहा है यानी फिल्म की कमाई को एक और अच्छा मौका है। इसके अलावा आनेवाले 3-4 दिन वीकेंड और 15 अगस्त के हॉलिडे का है और ऐसी उम्मीद है कि फिल्म ठीकठाक कवर कर सकती है। आनंद एल. रॉय निर्देशित फिल्म 'रक्षा बंधन' एक फैमिली ड्रामा फिल्म, जो दहेज के मुद्दे पर बनी फिल्म है। Boxofficeindia की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म ने पहले दिन 7.5 - 8 करोड़ रुपये के आसपास की कमाई की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्षय कुमार की इस फिल्म ने गुजरात में अच्छा बिजनस किया है, जबकि कमाई के मामले में सबसे खराब मुंबई, कोलकाता, पुणे और साउथ का रिस्पॉन्स रहा है क्योंकि फिल्म की कहानी हिन्दी बेल्ट के लोगों के काफी करीब है।
फिल्म रक्षाबंधन के प्रमोशन के लिए झालाना स्थित राजस्थान पत्रिका कार्यालय पहुंचीं ...