Atal Bihari Vajpayee

2022 - 8 - 16

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Explainer: अटल बिहारी वाजपेयी प्रखर वक्ता ही नहीं, वाकपटुता के भी थे धनी ... (प्रभात खबर)

अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वाकपटुता के चलते कई बार गंभीर सवालों से भी बचकर निकल जाते थे.

अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार 1957 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचे थे. उस समय उन्हें संसद में अधिक बोलने का मौका नहीं मिलता था. लेकिन उन्होंने अपनी अच्छी हिंदी के कारण बहुत जल्द पहचान बना ली थी. खुद तात्कालिक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी वाजपेयी जी को बोलते हुए सुनना पसंद करते थे. एक बार की बात है, जब नेहरू जी ने जनसंघ की आलोचना की थी, तो अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, मैं जानता हूं पंडित जी शीर्षासन करते हैं. लेकिन मेरी पार्टी की तस्वीर उल्टी न देखें. अटल बिहारी वाजपेयी के इस जवाब पर खुद नेहरू जी भी हंसने लगे थे. जब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी. उस समय उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटना के खिलाफ अटल बिहारी वाजपेयी ने पदयात्रा की थी. तब उस समय उनके मित्र अप्पा घटाटे ने पूछा था, पदयात्रा कब तक चलेगी. तब उस सवाल के जवाब में अटल जी ने कहा था, जब तक पद नहीं मिलता, तब तक यात्रा चलती रहेगी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक सभा में तीन लाख रुपये भेंट किये जाने थे. मेहनत से पैसे जुटाने वाले कार्यकर्ताओं को एक-एक कर वाजपेयी जी को माला पहनाने का अवसर दिया गया. फिर क्या था, समर्थकों की भीड़ वाजपेयी जी को माला पहनाने के लिए उमड़ पड़ी. बार-बार वाजपेयी जी को माला उतारकर रखना पड़ रहा था, तब उस समय उन्होंने तपाक से कहा था कि अब समझ आया कि ईश्वर की मूर्ति पत्थर की क्यों होती है. ताकि वह भक्तों के प्यार को सहन कर सकें. इसपर वहां मौजूद लोग हंस पड़े थे. 3. पद यात्रा पर वाजपेयी जी ने दिया था मजेदार जवाब अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वाकपटुता के चलते कई बार गंभीर सवालों से भी बचकर निकल जाते थे. यह उनकी कला थी. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब कांग्रेस 401 सीटें जीतकर, प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर आयी थी, तो उस समय लोकसभा में लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था, यह लोकसभा नहीं, शोकसभा के चुनाव थे. उसी समय अटल जी ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी थी और कांग्रेस को हराने के लिए वीपी सिंह के साथ गठबंधन जरूरी था. बहुत समझाने के बाद वीपी सिंह गठबंधन के लिए राजी हुए. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एक पत्रकार ने अटल जी से पूछा कि चुनाव के बाद अगर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनती है, तो आप प्रधानमंत्री पद संभालने के लिए तैयार हैं. इसपर अटल जी ने मुस्कुराते हुए कहा, इस बारात के दूल्हा वीपी सिंह हैं. देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (atal bihari vajpayee) की आज पुण्यतिथि है. इस मौके पर उन्हें सभी याद कर रहे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी एक दिग्गज नेता होने के साथ-साथ एक प्रखर वक्ता और अपनी वाकपटुता के लिए जाने जाते थे. वाजपेयी जी से जुड़ी कई किस्से हैं, जिसको आज भी याद किया जाता है. अपनी पार्टी वाले तो वाजपेयी जी का सम्मान करते ही थे, विरोधी दल के लोग भी उन्हें पूरे सम्मान के साथ सुनते थे. आइये अटल जी की वाकपटुका से जुड़े कुछ किस्सों को याद करें.

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Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी मानते थे ... (दैनिक जागरण)

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी देश निर्माण में ...

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श्रद्धांजलि: अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति ... (अमर उजाला)

आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि है। इस मौके पर राष्ट्रपति ...

Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi. Pushpanjali & Prayer meeting on punyatithi of Bharat Ratna & Former PM Shri Atal Bihari Vajpayee ji at Sadaiv Atal in New Delhi.— BJP (@BJP4India) https://t.co/XNlDUCAUrm August 16, 2022

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Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि ... (ABP News)

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि पर अटल समाधि ...

बता दें कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे थे. वह भारतीय जनता पार्टी के सह-सस्थापक भी थे. वह भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था. हालांकि, एक बार वह मात्र 13 दिन और दूसरी बार 13 महीने के लिए पीएम बने थे. 27 मार्च 2015 को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ''पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें स्मरण करते हुए नमन करता हूं. देश को विकास और सुशासन का मंत्र देने वाले अटल जी का पूरा जीवन उनके व्यक्तित्व की गहराई और कृतित्व की ऊंचाई का प्रतिबिम्ब है. भारत की विकास यात्रा में उनका योगदान अविस्मरणीय है.'' इसी तरह और भी प्रतिक्रियाएं आ रही है. अटल बिहारी वाजपेयी का आज ही के दिन साल 2018 में निधन हो गया था. पूर्व पीएम को भारतीय जनता पार्टी नीत नरेंद्र मोदी सरकार याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित कर रही है. पीएम मोदी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को कुछ इस तरह श्रद्धांजलि दी. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी 'अटल सदैव' समाधि स्थल पहुंचे और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की आज चौथी पुण्यतिथि है. अटल समाधि स्थल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagadeep Dhankar) और पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) समेत कई नेताओं ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी. दिल्ली स्थित पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल 'सदैव अटल' पर राष्ट्रपति द्रौपदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से लेकर मोदी सरकार के तमाम मंत्रियों ने पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर पढ़िए उनके अनमोल ... (Zee News Hindi)

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihar Vajpayee) की चौथी पुण्यतिथि (Death Anniversary) आज है.

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Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेई की चौथी पुण्यतिथि पर देश कर ... (India TV हिंदी)

Atal Bihari Vajpayee: गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त, 2018 को हुआ था।

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President, PM pay rich tributes to Atal Bihari Vajpayee on death ... (Hindustan Times)

Atal Bihari Vajpayee had served as India's PM for a brief period in 1996, between 1998 and 1999, and then for a full term between 1999 and 2004.

He is also remembered for his poems - most of which he authored in Hindi Vajpayee breathed his last on August 16, 2018, after being hospitalized in June following a kidney infection. The BJP veteran's "first brush with nationalist politics was in his student days, when he joined the Quit India Movement of 1942 which hastened the end of British colonial rule," according to his profile on the government website on India's prime ministers. Apart from PM Modi, union ministers Rajnath Singh and Amit Shah also paid tributes to the former PM and the BJP veteran.

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चौथी पुण्यतिथि पर याद किए गए अटल बिहारी वाजपेयी, 'सदैव अटल' पहुंच ... (Times Now Navbharat)

Atal Bihari Vajpayee death anniversary : साल 1999 में एक वोट से अपनी सरकार गंवाने वाले वाजपेयी का संसद में ...

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President Murmu, PM Modi pay floral tribute Atal Bihari Vajpayee on ... (The Statesman)

Atal Bihari Vajpayee, President Droupadi Murmu, Prime Minister Narendra Modi and several prominent leaders on Tuesday paid floral tribute to former Prime.

His birthday, December 25, was also declared as Good Governance Day by the Narendra Modi government. A member of the Bhartiya Janta Party, Vajpayee had joined the Quit India Movement in 1942 as a student leader. Atal Bihar Vajpayee was the former Prime Minister of India and was elected to the position twice in 1996 and 1999.

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PM Modi, President Murmu pay tributes to Atal Bihari Vajpayee on ... (India Today)

Prime Minister Narendra Modi and other top BJP leaders paid tributes to late former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee on his death anniversary today.

I offer my tributes to the tallest leader of our times. I bow my head in reverence to the memory of my mentor, iconic leader, poet, philosopher, mesmerising orator,ajatashatru adored by millions, former PrimeMinister,‘Bharat Ratna’,— M Venkaiah Naidu (@MVenkaiahNaidu) #AtalBihariVajpayeeJi on his Punyatithi today. Delhi: President Droupadi Murmu pays floral tribute to former Prime Minister #AtalBihariVajpayeeon his death anniversary, at Sadaiv Atal. pic.twitter.com/044qWd9R6y— ANI (@ANI)— ANI (@ANI) August 16, 2022

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Atal Bihari Vajpayees death anniversary: President Murmu, PM Modi ... (Zee News)

Atal Bihari Vajpayee, a prime minister for six years between 1998-2004, died in 2018 at the age of 93.

The country's second-highest civilian honour, the Padma Vibhushan, was conferred upon Atal Bihari Vajpayee in 1992. Vajpayee, notably, was the first PM since Jawaharlal Nehru to have become Prime Minister of India with two successive mandates. They were joined by several Union ministers including Home Minister Amit Shah and Defence Minister Rajnath Singh at 'Sadaiv Atal', Vajpayee's memorial in the national capital.

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Atal Bihari Vajpayee death anniversary: PM Modi, President Murmu ... (India TV)

Atal Bihari Vajpayee death anniversary: A prime minister for six years between 1998-2004, Atal Bihari Vajpayee, a Bharat Ratna awardee, died in 2018 at 93 ...

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Atal Bihari Vajpayee: भारत रत्न वाजपेयी की आज पुण्यतिथि, राष्ट्रपति ... (Zee Business हिंदी)

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: आज अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि है और राष्ट्रपति, पीएम मोदी ...

1994 में वाजपेयी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार वाजपेयी को 1992 में पद्म विभूषण वाजपेयी को मिले ये पुरस्कार

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Remembering Atal Bihari Vajpayee: 10 Profound Quotes By This ... (India.com)

Atal Bihari Vajpayee was the first non-Congress Prime Minister of India who took his last breath on August, 16, 2018. Here are some greatest quotes by this ...

- I dream of an India that is prosperous, strong and caring. - We are unnecessarily wasting our precious resources in wars… A member of the Bhartiya Janta Party (BJP), he was elected to position in 1996 and 1999 and was the first non Congress Prime Minister. He was not just a political leader but was also a great poet, orator, and the recipient of India’s highest civilian honour, Bharat Ratna. India lost a gem when Vajpayye passed away on August 16, 2018.Also Read - Maharashtra cabinet: CM Eknath Shinde Keeps Urban Development; Devendra Fadnavis Gets Home, Finance

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पुण्यतिथि: अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े हर सवाल जवाब, जानें 1924 से 2018 ... (Zee News Hindi)

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि ( Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary ) है ...

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Atal Bihari Vajpayee: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के कई अनसुने पहलू ... (दैनिक जागरण)

देश के लिए 15 अगस्त के बाद16 अगस्त का दिन बेहद अहम है। क्योंकि देश के पूर्व प्रधानमंत्री ...

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Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: सीएम धामी समेत भाजपा ... (अमर उजाला)

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेई की पुण्य तिथि पर मुख्यमंत्री ...

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अटल बिहारी वाजपेयी और राजकुमारी कौल... वो बेनाम रिश्‍ता जिससे टेंशन में ... (नवभारत टाइम्स)

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और राजकुमारी कौल (Atal Bihari Vajpayee And Rajkumari Kaul) के ...

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PM Modi, President Murmu, VP Dhankhar pay tributes to Atal Bihari ... (Lagatar English)

Lagatar24 Desk. New Delhi, Aug 16: Prime Minister Narendra Modi, freshly sworn-in President Droupadi Murmu, and Vice-President Jagdeep Dhankhar paid tribute ...

I offer my tributes to the tallest leader of our times. I bow my head in reverence to the memory of my mentor, iconic leader, poet, philosopher, mesmerising orator,ajatashatru adored by millions, former PrimeMinister,‘Bharat Ratna’, #AtalBihariVajpayeeJi on his Punyatithi today. Previous President Ram Nath Kovind, Lok Sabha Speaker Om Birla, Amit Shah, Rajnath Singh, and BJP national president JP Nadda also paid floral tributes to him.

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Atal Bihari Vajpayee Biography: Early Life, Political Party, Birth ... (Jagran Josh)

Atal Bihari Vajpayee was the former Prime Minister of India between 1998 to 2004. He died in 2018 at the age of 93 years.

By 1942, he had become an active member of the RSS. Vajpayee and his elder brother were also arrested for 24 days during the Quit India Movement. In 1951, Vajpayee was chosen by the RSS to work for the then newly formed Hindu right wing political party Bharatiya Jana Sangh. He got appointed as a national secretary of the party. In the 1977 General Elections, a coalition of parties including the Bharatiya Jana Sangh formed the Janata Party which won the general elections. Atal Bihari Vajpayee was the former Prime Minister of India between 1998 to 2004. As a student, Atal Bihari Vajpayee was a part of the Quit India Movement of 1942. At the time of death, he was 93 years old. During his student life, he joined the Quit India Movement of 1942.

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Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary:उत्तराखंड से था खास लगाव ... (अमर उजाला)

राजनीति के पुरोधा रहे भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड के साथ गहरा लगाव ...

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Atal Bihari Vajpayee: यूपी की इस सीट से पहला लोकसभा चुनाव लड़े थे अटल ... (ABP News)

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने 1952 का लोकसभा चुनाव यूपी की एक ...

इसके बाद वे 1962 और 1967 के आम चुनाव में भी लखनऊ से मैदान में उतरे लेकिन हार का समाना करना पड़ा था. वहीं 1967 के उपचुनाव में फिर एक बार उन्होंने लखनऊ से ही अपनी दावेदारी पेश की. इस बार उन्होंने अपने विपक्षी उम्मीदवार को हरा दिया. इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश की ग्वालियर सीट से 1971 और नई दिल्ली सीट से 1977 के अलावा 1980 का भी चुनाव लड़ा था. इसके बाद फिर वे एक बार फिर 1984 में ग्वालियर से चुनाव लड़े थे. 24 साल के लंबे अंतराल के बाद वे 1991 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश आए. यहां उन्होंने लखनऊ लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश की. इसी चुनाव में उन्होंने मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से भी अपनी दावेदारी पेश की थी. 1996 में जब लालकृष्ण आडवाणी पर हवाला कांड को लेकर आरोप लगा तो अटल बिहार वाजपेयी ने लखनऊ के साथ ही गांधी नगर सीट से अपनी दावेदारी पेश की थी. इस चुनाव में उन्होंने दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की. हालांकि इसके बाद 1998, 1999 और 2004 के आम चुनावों में वाजपेयी ने केवल लखनऊ सीट से अपनी दावेदारी पेश की. इस दौरान उन्होंने तीनों चुनावों में जीत दर्ज की थी. ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वतंत्र भारत का पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था. ये लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ था. वाजपेयी ने इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की लखनऊ लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश की थी. इसके बाद उन्होंने देश के चार राज्यों से लोकसभा चुनाव लड़ा था. वे देश के एक मात्र पीएम थे, जिन्होंने चार राज्यों की छह लोकसभा सीटों से अपनी आवेदारी पेश की. वाजपेयी ने 1957 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था. 1957 में अटल बिहारी वाजपेयी ने जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस आम चुनाव में वे लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से मैदान में उतरे थे. हालांकि लखनऊ और मथुरा में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जबकि बलरामपुर से उन्होंने जीत दर्ज की. लखनऊ में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी पुलिन बिहारी बनर्जी ने हराया और मथुरा में उनकी जमानत तक जब्त हो गई. तब मथुरा से सोशलिस्ट पार्टी के राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की थी. Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का देहांत चार साल पहले 16 अगस्त को हुआ था. अटल बिहारी वाजेपी बीजेपी (BJP) की ओर से प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता थे. वे देश के पहले गैर-कांग्रेसी (Congress) पीएम भी बने थे. वाजपेयी ने पहला चुनाव 1952 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की एक सीट से लड़ा था. हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने राजनीति करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: जब अटल बिहारी वाजपेयी ने ... (India TV हिंदी)

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी ...

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Atal Bihari Vajpayee: जब पाकिस्तानी महिला पत्रकार ने रखा अटल बिहारी ... (India TV हिंदी)

Atal Bihari Vajpayee: यह किस्सा वर्ष 1999 का है, प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद अटल बिहारी ...

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Atal Bihari Vajpayee: उत्तराखंड से रहा है पूर्व PM वाजपेयी का गहरा नाता ... (ABP News)

Atal Bihari Vajpayee: आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि है.

वहीं, पूर्व पीएम को याद करते हुए बीजेपी नेता पुनीत मित्तल ने उनके घर में मौजूद एक पुराने स्कूटर के बारे में भी बताया जिससे आज भी अटल बिहारी वाजपेयी की यादें जुड़ी हुई हैं. बीजेपी नेता पुनीत मित्तल बताते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी सभी पार्टी कार्यकतार्ओं से बेहद लगाव रखते थे. यही कारण है कि एक बार जब वह देहरादून पहुंचे तो उन्होंने पार्टी के एक कार्यकर्ता के बारे में पूछा. ऐसे में जब उनके पिताजी नरेंद्र स्वरूप मित्तल ने बताया की उस पार्टी कार्यकर्ता की तबीयत खराब है तो पूर्व पीएम तुरंत उनके पिताजी के स्कूटर में बैठकर उस कार्यकर्ता के घर उनका हालचाल जानने पहुंच गए. वह स्कूटर आज भी उनके घर में मौजूद है जिसे देखकर वह अक्सर पूर्व पीएम के सरल स्वभाव को याद करते हैं. ऐसे में जब उनके पिताजी नरेंद्र स्वरूप मित्तल ने बताया की उस पार्टी कार्यकर्ता की तबीयत खराब है तो पूर्व पीएम तुरंत उनके पिताजी के स्कूटर में बैठकर उस कार्यकर्ता के घर उनका हालचाल जानने पहुंच गए. वह स्कूटर आज भी उनके घर में मौजूद है जिसे देखकर वह अक्सर पूर्व पीएम के सरल स्वभाव को याद करते हैं. साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तो नैनीताल आए थे. उस समय राज्य की पहली निर्वाचित सरकार नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में थी. मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के अनुरोध पर पूर्व पीएम ने उत्तराखंड के लिए दस साल के विशेष औद्योगिक पैकेज की घोषणा की थी. यह उत्तराखंड के प्रति उनकी दूरदर्शी सोच ही थी कि औद्योगिक पैकेज देकर उन्होंने नए-नवेले राज्य को खुद के पैरों पर खड़ा होने का मौका दिया था. उत्तराखंड को लेकर पूर्व पीएम के लगाव का आलम ये था कि वो अक्सर ही यहां आया करते थे. उन्हें पहाड़ों की रानी मसूरी बहुत आकर्षित करती थी. जब भी अवसर मिलता, वह मसूरी जाते और पहाड़ी की शांत वादियों में आत्ममंथन कर राजनीति के आगे के समर के लिए खुद को तैयार करते. देहरादून में उनके गहरे पारिवारिक मित्र नरेंद्र स्वरूप मित्तल रहते थे. जब भी वाजपेयी जी देहरादून आते, उनके साथ काफी वक्त गुजारते थे. स्व. नरेंद्र स्वरूप मित्तल के पुत्र बीजेपी नेता पुनीत मित्तल ने उनके साथ बिताए दिनों को याद करते हुए बताया कि वे बचपन से ही पूर्व पीएम को घर आते हुए देखते रहे हैं. पूर्व पीएम जब भी देहरादून आते थे, उन्हीं के घर रुकते थे. उनके पापा के साथ स्कूटर पर घूमते थे. उत्तराखंड राज्य के निर्माण को लेकर लंबा आंदोलन चला था. 42 लोग अलग राज्य के लिए शहीद हो चुके थे. साल 1996 में अपने देहरादून दौरे के दौरान पूर्व पीएम ने राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर विचार करने का भरोसा दिया था. वाजपेयी ने इस भरोसे को कायम भी रखा और उनके प्रधानमंत्रित्वकाल में ही उत्तराखंड बना. Atal Bihari Vajpayee: आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि है. उनकी पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही योगदान को याद किया. उधर, बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड से गहरा नाता रहा था. दशकों की लंबी मांग के बाद अगर 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड देश के मानचित्र पर अलग राज्य के रूप में वजूद में आ पाया तो उसमें सबसे निर्णायक भूमिका पूर्व पीएम की थी. राज्य गठन के अलावा प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को विशेष औद्योगिक पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे से भी नवाजा था. अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्य आंदोलनकारियों को दिया था आश्वासन

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Congress, Oppn leaders join BJP in tributes to Vajpayee (The Indian Express)

PM Modi said Vajpayee "made pioneering efforts to transform India and prepare our nation for the challenges of the 21st century", Capt.

Chief ministers of BJP-ruled states paid respects to the former PM in their respective capitals. PM Modi said Vajpayee “made pioneering efforts to transform India and prepare our nation for the challenges of the 21st century”. Punjab’s former chief minister Captain Amarinder Singh wrote on Twitter, “My humble tributes to former PM Atal Bihari Vajpayee Ji on his death anniversary today. Abhijit Ghatak, a member of the All India Trinamool Congress, tweeted, “My heartfelt condolences on the death anniversary of Former Prime Minister Bharat Ratna Late Atal Bihari Vajpayee Ji. His ideals, work ethic, and philosophy continue to inspire us to work hard for the country every day.” My humble tributes to former Prime Minister Shri Atal Bihari Vajpayee ji on his death anniversary. Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot tweeted, “My humble tributes to former Prime Minister Shri Atal Bihari Vajpayee ji on his death anniversary.”

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Atal Bihari Vajpayee: Biography, Political Career and Quotes (Current Affairs)

Atal Bihari Vajpayee was one of the greatest Indian politicians and diplomats who served three terms as the Prime Minister of India. Know more about Atal ...

- I dream of an India that is prosperous, strong, and caring. - The success of family welfare depends on giving women complete freedom in their lives. On 11th June 2018, Atal Bihari Vajpayee was admitted to AIIMS in a very critical condition following a kidney infection. In 1942, he became an active member of the Rastriya Swayamsevak Sangh (RSS). In 1951, Atal Bihari Vajpayee was supported by the RSS, to work with the newly formed Bhartiya Janta Sangh, a Hindu right-wing political party that was also associated with RSS. Bhartiya Janta Party Bhartiya Janta Party Bhartiya Janta Party Atal Bihari Vajpayee was born on 25th December 1924, in Gwalior, Madhya Pradesh. He was born in a Hindu Brahmin. His father was Krishna Bihari Vajpayee, was. Bhartiya Janta Party He was one of the co-founders and senior leaders of the Bhartiya Janta Party (BJP). He was a member of the Indian Parliament for more than five decades, and was elected ten times to the Lok Sabha and twice to the Rajya Sabha. He retired from active politics in 2009 due to health conditions after serving as the Member of Parliament for Lucknow. He was the founder and president (1968-1972), of Bhartiya Janta Sangh (BJS). College (B.A.) In 2015, he was awarded with India’s highest civilian honor, The Bharat Ratna, by the President of India, Pranab Mukherjee. He died on 16th August 2018 due to old-age related illness.

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Remembering Atal Bihari Vajpayee: Five speeches that prove his ... (Financial Express)

Fourth Death Anniversary of Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee: We live in a time today when anything about government formation can turn into a bitter, ...

This is one of the best-known poems by Atal ji. From the role of the Opposition to openly admitting the failure of getting the right numbers to pass the trust vote, Atal ji’s words still reverberate in Indian politics. The man who enjoyed both rallies and quiet surroundings of Kasauli, Vajpayee was a master orator, who regaled everyone with his wit and wisdom.

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Atal Bihari Vajpayee: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को चौथी ... (अमर उजाला)

वाराणसी के गिरजाघर चौराहा पर कोदई चौकी व्यापार मंडल के तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री अटल ...

Remembering the Man of Masses, Former PM Atal Bihari Vajpayee ... (All India Radio)

Vajpayee was born on December 25, 1924, in Gwalior, Madhya Pradesh, in the family of a humble school teacher Krishna Bihari Vajpayee and Krishna Devi. He did ...

He was a champion of women’s empowerment and social equality who ardently believed in a forward-moving India. After the demise of Deendayal Upadhyaya, he was made the leader of the Bharatiya Janata Sangh and became its president in the year 1968. Vajpayee was born on December 25, 1924, in Gwalior, Madhya Pradesh, in the family of a humble school teacher Krishna Bihari Vajpayee and Krishna Devi.

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