ISKCON

2022 - 8 - 19

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ब्रिटिश राजदूत को ISKCON मंदिर में मिला मैनचेस्टर यूनाइटेड का फैन, देखें ... (NDTV India)

एलेक्स एलिस ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि इस शुभ दिन पर इस्कॉन मंदिर में दर्शन करके ...

वीडियो में मैनचेस्टर यूनाइटेड प्रशंसक कहते हुए सुनाई दे रहा है कि वह इस उम्मीद में प्रार्थना करने आया है कि भगवान कृष्ण मैनचेस्टर यूनाइटेड को मैच जीतने में मदद करेंगे. एलेक्स एलिस ने इस मुलाकात से जुड़ी एक वीडियो ट्वीट की और लिखा कि "इस्कॉन (दिल्ली) मंदिर में एक मैनचेस्टर यूनाइटेड प्रशंसक से मिला." वहीं कुछ दिन पहले ही टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ट्वीट कर कहा था कि वो मैनचेस्टर यूनाइटेड को खरीदने की योजना बना रहे हैं. दरअसल मैनचेस्टर यूनाइटेड दुनिया की सबसे लोकप्रिय टीमों में से एक है, जिसने रिकॉर्ड संख्या में घरेलू और यूरोपीय ट्रॉफी जीती हैं. इस दौरान युवक ने ब्रिटिश उच्चायुक्त से कहा कि वह प्रार्थना करने आया है कि भगवान कृष्ण मैनचेस्टर यूनाइटेड को मैच जीतने में मदद करेंगे. वहीं इस दौरान उनकी मुलाकात मैनचेस्टर यूनाइटेड के एक प्रशंसक से हुई.

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जन्माष्टमी पर कृष्णमय हुआ नोएडा, इस्कॉन मंदिर में गूंज रहे राधे-राधे के ... (Patrika News)

नोएडा में इस्कॉन मंदिर लोगों के विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सुबह से ही भक्त ...

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Happy Krishna Janmashtami 2022:इस भक्त ने शुरू किया हरे-कृष्ण ... (Times Now Navbharat)

Happy Kirshna Janmashtami: स्वामी प्रभुपाद का जन्म 1 सितंबर 1896 को कोलकता में हुआ था।

स्वामी प्रभुपाद का जन्म 1 सितंबर 1896 को कोलकता में हुआ था। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के संदेश को पहुंचाने के लिए इस्कॉन की स्थापना की। ISKCON को International Society For Krishna Consciouness और अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ भी कहा जाता है। ISKCON की स्थापना 1966 में न्यूयार्क में की गई थी। और वहीं पर दुनिया का पहला इस्कॉन मंदिर बनाया गया। इसे हरे कृष्ण आंदोलन भी कहा जाता है। स्वामी प्रभु प्रभुपाद का निधन 14 नवंबर 1977 को भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा के वृंदावन में हुआ। इस्कॉन की वेबसाइट के अनुसार, इस्कॉन गौड़ीय-वैष्णव संप्रदाय से संबंधित है। जो वैदिक या हिंदू संस्कृति के भीतर एकेश्वरवादी परंपरा है। यह भगवद गीता और भगवत पुराण, या श्रीमद भागवत पर आधारित है। भक्ति योग परंपरा के इन धर्मिक ग्रंथ की शिक्षा है करि सभी जीवित प्राणियों के लिए अंतिम लक्ष्य भगवान, या भगवान कृष्ण है के लिए अपने प्यार को फिर से जगाना है। इस्कॉन भक्त महा-मंत्र के रूप में भगवान के नामों का जाप करते हैं। और वह यह प्रार्थना करते हैं.. Happy Kirshna Janmashtami:पिछले साल भारत सरकार ने श्री भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर, उनकी भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और समाज में योगदान को देखते हुए 125 रुपये का एक विशेष स्मारक सिक्का जारी किया था। स्वामी प्रभुपाद इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के संस्थापक थे और उन्हें दुनिया भर में भगवान कृष्ण के संदेश को पहुंचाने के लिए जाना जाता है। प्रभुपाद के इस्कॉन के रुप में शुरू किए गए प्रयास को हरे कृष्ण आंदोलन के रूप में भी लोग जानते हैं। पूरी दुनिया में इस्कॉन के 500 केंद्र हैं और उसने गीता का 89 भाषाओं में अनुवाद किया है।

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கிருஷ்ண ஜெயந்தி: கோவை இஸ்கான் ஆலயத்தில் ... (Samayam Tamil)

coimbatore newsஸ்ரீ கிருஷ்ணர் அவதரித்த தினமான இன்று கோவை இஸ்கான் ஆலயத்தில் சிறப்பு பூஜைகள் ...

இவ்விழாவையொட்டி வெள்ளி மற்றும் சனி ஆகிய இரு நாட்களில் பல்வேறு சிறப்பு நிகழ்ச்சிகளுக்கான ஏற்பாட்டை கோவை இஸ்கான் அமைப்பினர் செய்திருந்தனர். நடைபெற்ற இந்நிகழ்ச்சியில் ஏராளமான பக்தர்கள் கலந்து கொண்டு சுவாமி தரிசனம் செய்தனர். அதிகாலை முதல், நள்ளிரவு வரை சிறப்பு ஆராதனை, அகண்ட நாம சங்கீர்த்தனம், பகவான் கிருஷ்ணரின் லீலைகள் குறித்த சொற்பொழிவுகள், கலைநிகழ்ச்சிகள், தவத்திரு பக்தி வினோத சுவாமி மஹராஜின் சிறப்பு பிரசங்கம், மதுகோபால் தாஸின் பிரசங்கம், அபிசேகம், கோபூஜை, பகவான் ஜெகன்னாதருக்கு தீபராதனை, சிறப்பு வழிபாடுகள் மற்றும் அன்னதானம் உள்ளிட்ட பல நிகழ்ச்சிகளுக்கு ஏற்பாடு செய்யப்பட்டிருந்தது.

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Did you know ISKCON Temple in Silchar is built on the land donated ... (Barak Bulletin)

ISKCON unarguably is the most successful international organisation to spread the Gaudiya Vaishnava tradition, founded back in the 16th century by Chaitanya ...

ISKCON has been active internationally to shelter refugees across the world and recently during the Ukraine crisis. Gradually the construction began and many locals got inspired by the ideals of ISKCON. On the same day deity installation also took place in the presence of HH Jayapataka Swami and other Swamis from different ISKCONs across the country and also from international centers. They realized the need for a permanent centre for the sake of preaching. ISKCON also has a temple in Silchar, which has been here for the last three decades. Gaur Nitai Das, the Founder and President of ISKCON in a conversation at his office narrated the story about the journey.

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