Pitru Paksha 2022: आज यानी 10 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है। वहीं 25 सितंबर को इसका ...
Pitru Paksha or Shradh Paksha or Mahalaya Paksha is a 16-day holy ritual in which Hindus remember and respect their ancestors. Pitru Paksha 2022 will start ...
[Live : PM Modi inaugurates Centre-State Science Conclave](https://www.deshgujarat.com/2022/09/10/live-pm-modi-inaugurates-centre-state-science-conclave/) [ગુજરાતની ‘સિનેમેટિક ટુરિઝમ પોલિસી ૨૦૨૨-૨૦૨૭’ જાહેર થશે](https://www.deshgujarat.com/2022/09/09/gujarat-govt-to-announce-cinematic-tourism-policy-2022-2027/) [Dr. The ancestors send their families happiness and prosperity because they are happy with Pitru Tarpan. Some individuals offer Pind Daan to their ancestors by travelling to Kashi and Gaya. During Pitru Paksha, auspicious activities should be avoided since they are believed to affect the souls of the ancestors. Therefore, Shradh is performed to pacify the departed ancestors. According to common perception, the first generation is taken to heaven when a member of the next generation passes away, bringing them closer to God. According to Hindu mythology, “Pitru Lok,” the zone between Heaven and Earth, is home to the souls of our three previous generations. Therefore, the ritual of Amavasya ka Shradh Purnima ka Shradh In addition to offering food to the priests representing the ancestors, the crows representing Yama (the guardian of Pitru Lok) receive it as well. According to Hindu Panchang, during this 16-day period, which begins on the full moon, ancestors come to Earth to shower blessings on their descendants.
Pitru Paksha 2022 LIVE Updates: पितृ पक्ष शुरू, ऐसे करें पिंड दान, जानें पितरों के तर्पण का तरीका, उपाय.
रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए जैसा कि हमने पहले भी बताया कि हिंदू धार्मिक शास्त्र के अनुसार 16 दिनों तक चलने वाला यह पितृ पक्ष पूरी तरह से हमारे पितरों को समर्पित होता है. रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी, रक्षा सूत्र, चावल, जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद, काला तिल, तुलसी के पत्ते, पान, जौ, हवन सामग्री, गुड़, मिट्टी दीया, कपास, अगरबत्ती , दही, जौ का आटा, गंगाजल, खजूर. पंचबली भोजन का ब्राह्मण भोजन के साथ विशेष महत्व है. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण करना जरूरी माना जाता है. इस अवधि के दौरान, श्राद्ध अनुष्ठान करने में मदद करने वाले ब्राह्मण पुजारियों को भोजन, कपड़े और दान देना फलदायी माना जाता है. वैवाहिक जीवन में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, तो समझ लीजिए ये भी पितृ दोष के लक्षण है. माना जाता है कि इस अवधि के दौरान, श्राद्ध अनुष्ठान करने में मदद करने वाले ब्राह्मण पुजारियों को भोजन, कपड़े और दान दिया जाता है. गया में पिंडदान करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए इस स्थान को मोक्ष स्थली भी कहा जाता है. 12 सितंबर द्वितीया का श्राद्ध हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष का आरंभ भाद्रपद मास की पूर्णिमा से होता है और समापन आश्विन मास की अमावस्या पर होता है. इस बार पितृ पक्ष या महालय 10 सितम्बर से आरम्भ होकर 25 सितम्बर तक उपस्थित रहेगा.
Pratipada Shraddha 2022: पितृपक्ष 2022 (Pitru Paksha 2022) की शुरुआत 10 सितंबर 2022 से हो रही है जो कि 25 सितंबर ...
पितृ पक्ष का शुभ समय कुतुप मुहूर्त और रोहिना मुहूर्त होता है. इसके अलावा कुछ मत यह भी कहते हैं कि पितृ पक्ष में बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए. Pratipada Shraddha 2022: पितृ पक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होता है और आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है.
Pitru Paksha 2022 पितृपक्ष के दौरान कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। क्योंकि इन दिनों में ...
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पितृ पक्ष पितरों की पूजा-अर्चना के लिए निर्धारित है. जब भी आप पितरों के लिए पूजन करें ...
आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी यदि आप पितृदोष से मुक्ति चाहते हैं तो आपको प्रत्येक दिन पितृ सूक्तम का पाठ करना चाहिए. वे सोचते हैं कि हमारी संतान हमे तृप्त नहीं कर सकती तो फिर इसे संतान की क्या आवश्यकता है.
Pitru Paksha 2022: ऐसी मान्यता है कि मृत्यु के देवता यमराज श्राद्ध पक्ष में पितरों को मुक्त कर ...
क्या आपके घर में भी है पितरों की तस्वीर? Pitru Paksha 2022: क्या आपके घर में भी है पितरों की तस्वीर? [हिंदी न्यूज़](/) [धर्म](/astrology/)Pitru Paksha 2022: क्या आपके घर में भी है पितरों की तस्वीर?
Pitru Paksha or Shraadh is the 15-day period preceding Navratri when Hindus offer prayers or tarpan to their ancestors through food offerings.
- Ancestors are invoked to reside in the ring and the puja starts. After this, the Brahmin who performs the puja is offered food. While Karna said he was not aware of who his ancestors were, he was eager to make amends and offered to return to earth for a period of 15 days to perform shraadh rituals and donate food and water in their memory. A ring made of darbha grass is then worn by the person. The generations before these three generations reside in heaven and are thus not offered tarpan. This year Pitru Paksha is starting from September 10 and will go on till September 25 post which the nine-day festival of Navratri will begin.
According to the Hindu Calendar, it begins after the Full Moon day (Purnima Tithi) in the Ashwin month, Krishna Paksha (as per Punimant calendar) and Bhadrapada ...
According to the Hindu Calendar, it begins after the Full Moon day (Purnima Tithi) in the Ashwin month, Krishna Paksha (as per Punimant calendar) and Bhadrapada (as per the Amavasyant calendar). [Happy Anant Chaturdashi 2022: Here are wishes and quotes to share with your friends and family on this joyous day] [Pitru Paksha](/topic/pitru-paksha)or Shradh Paksha holds great significance in Hinduism. Pitru Paksha 2022 began on Saturday (September 10) and will end on September 25.
Pitru Paksha 2022 यूपी के चित्रकूट में कुछ समय के लिए प्रभु श्रीराम ने करका आश्रम में प्रवास ...
चित्रकूट में शोध करने वाले गायत्री शक्तिपीठ के डा रामनारायण त्रिपाठी बताते हैं कि पिता दशरथ की 14 वर्ष के वनवास की आज्ञा का पालन करने के लिए प्रभु श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या से निकले तो प्रयागराज भारद्वाज मुनि के आश्रम में होते हुए चित्रकूट की ओर चले। जब करका आश्रम में पहुंचे तो उनको पिता दशरथ के मृत्यु की खबर मिली। उन्होंने इसी स्थान पर विंध्य पर्वत से निकलने वाले झरने से पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की और श्राद्ध किया। तभी से यह स्थान दशरथ घाट के नाम से प्रसिद्ध है। चित्रकूट, हेमराज कश्यप। Pitru Paksha 2022 : तपोभूमि में कई ऐसे स्थान हैं जहां भगवान राम के वनवास काल से साक्ष्य आज भी मौजूद हैं। देखा जाता है कि राम सीता व लक्ष्मण के चरण जहां-जहां पांव पड़े वहां पर पत्थर भी पिघल गए थे। उनके चरण चिह्न बन जाते थे। भगवान राम ने कुछ समय के लिए करका आश्रम में भी प्रवास किया था, यहां पिता राजा दशरथ का श्राद्ध किया था। तभी से इस स्थान को ‘दशरथ घाट’ कहते हैं। यहां के पत्थरों पर एक विशेष प्रकार के चरणचिह्न दिखाई पड़ते हैं। Pitru Paksha 2022 यूपी के चित्रकूट में कुछ समय के लिए प्रभु श्रीराम ने करका आश्रम में प्रवास किया था वहां पर पिता का श्राद्ध् किया था। तब से इसे ‘दशरथ घाट’ के नाम से जाना जाता है और पितृ पक्ष में लोग श्राद्ध के लिए आते हैं।
Pitru Paksha 2022 Gaya Shradh Live: आज पूर्णिमा तिथि पर करें श्राद्ध, जानें पिंडदान और तर्पण विधि.
इस वर्ष श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर से 25 सितंबर तक रहेगा. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए तृतीया श्राद्ध - 12 सितंबर 2022 इसलिए आज पूर्णिमा तिथि पर श्राद्ध करने के लिए हजारों पिंडदानी गयाजी पहुंचे हुए है. गया स्थित प्रेतशिला को भूतों का पहाड़ कहा जाता है. पूर्वज को पिंडदान करने के लिए बिहार के गया में भीड़ जुटी है.
भाद्रपद माह के पूर्णिमा तिथि से लेकर अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक. 1 of 5.
Pitru Paksha 2022 Shradh Tithi: पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू हो चुका है. जानें तिथि के अनुसार श्राद्ध ...
तो ऐसी दशा में अमावस्या तिथि पर श्राद्ध किया जाता है. पितृ पक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है. पितृ पक्ष में पितरों को तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने का विधान है.
Pitru Paksha 2022: 10 सितंबर से 25 सितंबर तक पितृ पक्ष रहने वाला है. इस दौरान कई सावधानियों का ...
पितृ पक्ष में हम लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनकी याद में दान धर्म का पालन करते हैं. पितृ पक्ष में नित्य भगवदगीता का पाठ करें. दोपहर के समय में पितरों को जल अर्पित करें. कुतप वेला में पितरों को तर्पण दें, इसी वेला में तर्पण का विशेष महत्व है. जल में काला तिल मिलाया जाता है और हाथ में कुश रखा जाता है जिस दिन पूर्वज की देहांत की तिथि होती है, उस दिन अन्न और वस्त्र का दान किया जाता है. पितृ पक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने लोगों पर ध्यान देते हैं और आशीर्वाद देकर उनकी समस्याएं दूर करते हैं.
Pitru Paksha 2022: अगर आपकी कुंडली में भी है पितृ दोष, तो श्राद्ध पक्ष में करें ये कार्य; मिल सकती ...
जानिए चार्ट से सही रक्त शर्करा का स्तर](https://www.jansatta.com/health-news-hindi/blood-sugar-level-too-high-according-to-age-know-the-correct-blood-sugar-level-from-the-chart/2364619/?utm_source=js&utm_medium=article3&utm_campaign=relatedstories) - वहीं अगर जन्मकुंडली में राहु का सम्बन्ध शनि या बृहस्पति से हो, तो भी कुंडली में पितृ दोष बनता है। - अगर राहु का सम्बन्ध जन्म कुंडली में सूर्य और चंद्र ग्रह से हो, तो ऐसी कुंडली में पितृ दोष का बनता है।
This year's "Pitru Paksha" or "Shraadh" has begun today (September 10) and be observed by Hindus throughout India and other areas of the world.
This year, 'Pitru Paksha' will be from September 10 to September 25, when the nine-day Navratri festival will start. This year's "Pitru Paksha" or "Shraadh" has begun today (September 10) and be observed by Hindus throughout India and other areas of the world. 'Puja', 'havan', and 'daan' are then performed.
PITRU PAKSHA 2022: Pitru Paksha is a 15–16 days Hindu ritual that starts on the Purnima Tithi of Shukla Paksha in the month of Bhadrapada.
The auspicious timings for the Kutup Muhurat will be from 11:48 AM to 12:37 PM and the Rohina Muhurat will be in effect from 12:37 PM to 1:25 PM. It is also known as Shradh and it ends in the Aswin month on the Amavasya Tithi of Krishna Paksha. PITRU PAKSHA 2022: Pitru Paksha is a 15–16 days Hindu ritual that starts on the Purnima Tithi of Shukla Paksha in the month of Bhadrapada.
The Importance Of Panchabali Bhog श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष आज यानी 10 सितंबर 2022 से शुरू होकर 25 सितंबर ...
Hindus observe Pitru Paksha, also known as Shradh or Shraddh, as a 15-day ritual to honour their ancestors. The deceased's eldest son practises the Shraddha ...
Other few food items are also restricted during Pitru Paksha, in along with non-vegetarian food and alcohol. [Pitru Paksha 2022: What is Panchabli Bhog? Vegetables such as potatoes, arbi, and radish are also forbidden. Raw grains are prohibited during the holy period of Shradh. Hindus believe that Pitru Paksha and Shradh are required to ensure the entrance of their ancestors into heaven. On September 10, 2022, which is today, Pitru Paksha or Shradh began on the Purnima Tithi of Shukla Paksha.
Pitru Paksha Shradh 2022 पितृपक्ष में तर्पण पिंडदान आदि करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है ...
Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 यानी आज से शुरू हो रहे हैं जो 25 सितंबर 2022 तक चलेंगे.
- पितृ पक्ष में पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध भादो की पूर्णिमा पर किया जाता है. - श्राद्ध करने का पहला अधिकार पुत्र को होता है. - 19 सितंबर 2022 - इस दिन नवमी तिथि पर परलोक गए परिजनों का श्राद्ध करें. - पितर की मृत्यु तिथि याद न हो तो सर्व पितृ अमावस्या के दिन उनका श्राद्ध और तर्पण करें. - 10 सितंबर 2022 - आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा और पूर्णिमा को प्रथम श्राद्ध किया जाता है. - पितृ पक्ष में 15 दिन तक सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. इस दिन अविवाहित लोगों का श्राद्ध करने का विधान है. श्राद्ध में पिंडदान का विशेष महत्व है. इसी दिन प्रतिपदा तिथि का भी श्राद्ध किया जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाओं, माताओं का तर्पण श्राद्ध किया जाता है. जिनका स्वर्गवास चतुर्थी तिथि पर हुआ है परिजन इस दिन उनका श्राद्ध करें. पहले दिन 10 सिंतबर 2022 को पूर्णिमा और प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध किया जाएगा.
पितृपक्ष रविवार से शुरू हो गया है, यह 25 सितंबर तक रहेगा। पितृ दोष से मुक्ति और पितरों ...
स्वास्थ्य शिविरों में व्यवस्था ठीक-ठाक दिखी, तो निगम के पेय जल शिविर में अव्यवस्था का ...
इसके साथ ही निगम की ओर से शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने के लिए 40 जगहों पर पेय जल शिविर लगाया गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर में 56 जगहों पर चिकित्सा शिविर बनाया गया है. पिंडदान के लिए गया पहुंचाने वाले यात्रियों के लिए स्वास्थ्य विभाग व निगम की ओर से हर जगह व्यवस्था की जा रही है.
Pitru Paksha shradh 2022 niyam rules : भाद्रपद की पूर्णिमा और अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को ...
पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी न करें ये कार्य, जानें क्या करें Pitru Paksha 2022 : पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी न करें ये कार्य, ज्योतिषाचार्य से जानें क्या करें और क्या नहीं [हिंदी न्यूज़](/) [धर्म](/astrology/)Pitru Paksha 2022 : पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी न करें ये कार्य, ज्योतिषाचार्य से जानें क्या करें और क्या नहीं
इन दिनों में पितरों को याद करते हुए उनके निमित्त तर्पण किया जाता है. श्राद्ध किया जाता ...
ऐसे में उन पूर्वजों को याद करने और उनके किए का आभार व्यक्त करने का समय है श्राद्ध पक्ष. इस दौरान पितृ लोक में जल की कमी हो जाती है. इन 15 दिनों के बीच किसी भी तरह के शुभ काम को करने की मनाही होती है. पितृ पक्ष के नाम से ही स्पष्ट है कि ये दिन पितरों को समर्पित होते हैं. 10 सितंबर से श्राद्ध पक्ष यानी पितृ पक्ष शुरू हो चुका है. पितृ पक्ष 15 दिनों तक चलता है.
Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में लहसुन, प्याज अवॉयड किया जाता है. अब बिना इसके सब्जी स्वादिष्ट ...
यह वेबसाइट कुकीज़ या इसी तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करती है, ताकि आपके ब्राउजिंग अनुभव को बेहतर बनाया जा सके और व्यक्तिगतर तौर पर इसकी सिफारिश करती है. Chutney: घर में नहीं है इमली तो बनाएं गुड़ की चटनी, खाने का स्वाद आ जाएगा, जानें रेसिपी Cooking Tips:राजमा की सब्जी नहीं बनाएं स्वादिष्ट पुलाव, जानें रेसिपी
Pitru Paksha 2022: कालों के काल महाकाल साक्षात काशी नगरी में बाबा विश्वनाथ के रुप में विराजित ...
शास्त्रों में कहा गया है कि गंगा के धरती पर आने के पहले से ही बनारस में इस कुंड का अस्तित्व रहा है. हर आने वाला श्रद्धालु अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए यहां आकर त्रिपिंडी श्राद्ध करने के बाद पीपल के पेड़ में सिक्के में किला जरुर ठोकता है. यहां वर्षों पुराने पीपल के पेड़ में प्रेत आत्माओं को सिक्कों के सहारे पेड़ में चुनवा दिया जाता है ताकि जो भी यहां आये उसके परिजनों को मोक्ष मिल जाए. इसी वजह से यहां स्थित इस पुराने पीपल के पेड़ में असंख्य सिक्कों के ऊपर किल ठोका गया है. गया तीर्थ की मान्यता रखने वाले वाराणसी के चेतगंज स्थित पिशाचमोचन कुंड पर पितृपक्ष को लेकर प्रेत और दुष्टात्माओं से मुक्ति के लिए लोगों का श्राद्ध कर्म शुरू हो गया है. इस कुंड का उल्लेख काशी खंड में भी मिलता है.
Pitru Paksha 2022: कहा गया है कि तर्पण से पितरों की आत्मा तृप्त होकर अपनी कृपा बरसाती है.
विशेषतः पितृपक्ष में श्राद्ध तो मुख्य तिथियों को ही होते हैं. तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान से संतुष्ट, प्रसन्न होकर श्राद्धकर्ता को शुभ आर्शीवाद देते लौट जाते हैं. Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष चल रहा है इस पक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध कराने के महत्व को बताते हुए ज्योतिषशास्त्री डॉ.एन.के.बेरा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करने से तीन तरह के ऋण से मुक्ति मिलती है-देवऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण.
Pitra Paksha 2022: पितृ पक्ष में तृतीय तिथि का श्राद्ध 12 सिंतबर 2022 को है. आइए जानते हैं तर्पण और ...
अश्विन कृष्ण पक्ष के तृतीया तिथि के श्राद्ध को तीज श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है. Pitra Paksha 2022 Tritiya Tithi Shradha: पितृ पक्ष में तृतीय तिथि का श्राद्ध 12 सिंतबर 2022 को है. यह वेबसाइट कुकीज़ या इसी तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करती है, ताकि आपके ब्राउजिंग अनुभव को बेहतर बनाया जा सके और व्यक्तिगतर तौर पर इसकी सिफारिश करती है.
“उड़ल सत्तू पितर को पैठ” बोलते हुए सत्तू उड़ाया जाता है और पांच बार परिक्रमा किया जाता है.
इस पर्वत पर धर्मशीला है, जिस पर पिंडदानी ब्रह्ना जी के पद चिन्ह पर पिंडदान करके धर्मशीला पर सत्तू उड़ाते हैं. ऐसा करने से उनके कुल में कोई प्रेत नहीं रहता है. मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने कहा कि इस पहाड़ पर बैठकर उनके पद चिन्ह पर पिंडदान करना होता है. मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है. वहीं पूर्वज को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है. पितृपक्ष में फल्गु नदी के तट पर पिंडदान जारी है. वहीं, प्रेतशिला को भूतों का पहाड़ कहा जाता है. इस पहाड़ पर आज भी भूत-प्रेतों का वास है. उसी पर्वत को प्रेतशिला कहा गया और ब्रहा जी के पदचिह्न पर पिंडदान होता है. ब्रह्मकुंड और प्रेतशिला में पिंडदान ब्रह्ना जी के पद चिन्ह पर किया जाता है और धर्मशीला पर सत्तू उड़ाकर पितर को याद किया जाता है. पितृपक्ष के दूसरे दिन पंचवेदी में कर्मकांड किया जाता है. श्राद्ध पूजा में यहां सत्तू उड़ाना बहुत जरूरी माना गया है वरना पूजा का फल पूर्वजों को नहीं मिल पाता है.
Pitru Paksha : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल द्वितीया श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार ...
- तृतीया श्राद्ध - 12 सितंबर 2022 - श्राद्ध पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए. - द्वितीया श्राद्ध - 11 सितंबर 2022
Pitru Paksha 2022: क्या आपको भी पितृ पक्ष के दौरान सपने में दिखते हैं पूर्वज, जानें क्या है संकेत ...
अगर आपको पितृ सपने में रोते हुए दिखाई हैं तो यह एक अशुभ संकेत है। साथ ही आपके ऊपर कोई परेशानी आ सकती है। या कोई दुर्घटना हो सकती है। संतान का नाश हो सकता है। इसलिए इन सब परेशानियों से बचने के लिए पिंड दान और तर्पण करें। [सपने में पितृ ](https://www.jansatta.com/religion/pitru-paksha-start-in-chor-panchank-pitru-paksha-2022-puja-niyam-shradh-tarpan-vidhi/2370256/)आपको शांत मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं तो यह भी एक विशेष संकेत है इसका मतलब है पितृ आपसे संतुष्ट है और आपको संतान पक्ष से शुभ समाचार मिल सकता है। साथ ही आपको करियर और व्यापार में आशातीत सफलता मिल सकती है। सपने में अगर पूर्वज आपको प्रसन्न दिखाई देते हैं तो यह एक शुभ संकेत है। इसका मतलब है कि आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होने वाली हैं। साथ ही आपको सभी कष्टों से मुक्ति मिलने वाली है।
नर्मदा नदी का त्रिशूलभेद, जहां राजा इंद्र ने किया था तर्पण - फोटो : सोशल मीडिया ...
People go to Gaya from the 'Pratipada' date of 'Ashwin Paksha' till the end of Pitru Paksha and offer Pind Daan.
It is said that the name of Pretshila used to be `Premparvat`, but after Lord Rama came here and offered Pind Daan, this place was named Pretshila. He said that the ancestors who after death harass their people, attain salvation after getting Pind Daan. It is believed that by performing `Shradh` at the Pretshila Vedi, the souls wandering in the `Pretyoni` due to premature death or some other reasons also get salvation.