देश की चार प्रमुख पीठों में शामिल ज्योतिष और द्वारकाशारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी ...
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द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो ...
उनके निधन के बाद से उनके भक्तों में शोक है. 1950 में शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे. उनके निधन के बाद भक्तों में शोक है. 1950 में वह दंडी संन्यासी बनाये गए और 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली. कमलनाथ ने लिखा 'परम पूज्य ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी शंकराचार्य सरस्वती जी के देवलोक गमन का समाचार बेहद दुखद व पीड़ादायक है. जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य थे. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. उनके पिता धनपति उपाध्याय और मां का नाम गिरिजा देवी था. 19 साल की उम्र में वह 'क्रांतिकारी साधु' के रूप में प्रसिद्ध हुए. उन्होंने नरसिंहपुर के मणिदीप आश्रम महुआ में अंतिम सांस ली. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म २ सितंबर 1924 को मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में हुआ था. वहीं देश भर से तमाम हस्तियां भी उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रही हैं.
Swami Swaroopanand Saraswati: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का अंतिम संस्कार कल ...
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, "जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के महाप्रयाण का समाचार सुनकर मन को भारी दुख पहुंचा. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने स्वामी के निधन पर ट्वीट कर लिखा कि, "पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार दुःखद है. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने आगे लिखा कि, "स्वामी जी ने मेरे पिता के रहते हुए 1990 में हमारी गृहप्रवेश की पूजा कराई थी. सीएम ने ट्वीट किया कि, "श्री द्वारका-शारदा पीठ व ज्योतिर्मठ पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य श्रद्धेय स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का ब्रह्मलीन होना संत समाज की अपूरणीय क्षति है. स्वामी के निधन पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शोक जताया है. Shankaracharya Swami Swaroopanand Death: द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया.
द्वारका शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो ...
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर ट्वीट किया और लिखा, जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के महाप्रयाण का समाचार सुनकर मन को भारी दुख पहुंचा. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 2 सितंबर 1924 में हुआ था. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती दो मठों, द्वारका एवं ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य थे. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती हिंदूओं के सबसे बड़े महंत थे.
Jagatguru Swami Swaroopananda Saraswati, who controlled both the Dwarka Math and the Jyotir Math, was the Shankaracharya of one of these four Maths. Jagatguru ...
He stated that repealing the Article will benefit the inhabitants of the valley and that a demographic balance is required to avoid repeated turmoil in J&K. During the freedom struggle, Swaroopanand Saraswati was recognized as a revolutionary sadhu for his participation in the movement. Swami Swaroopanand Saraswati, Dwarka Sharda Peeth Shankaracharya, died at the age of 99 at around 3.30 p.m.
Shankaracharya Swami Swaroopanand saraswati Death: शारदा एवं द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ...
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया। स्वामी स्वामी ...
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। सनातन संस्कृति एवं धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित उनके कार्य सदैव याद किए जाएंगे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें। ॐ शांति... प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा- द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं... नरसिंहपुर, एजेंसियां/ब्यूरो। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया। स्वामी स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती दो पीठों (ज्योतिर्मठ और द्वारका पीठ) के शंकराचार्य थे। वह सनातन धर्म की रक्षा के लिए आजीवन प्रयासरत रहे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने नरसिंहपुर जिले की झोतेश्वर पीठ के परमहंसी गंगा आश्रम में अंतिम सांस ली। स्वामी स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती अपनी बेबाक बयानी के लिए भी चर्चित थे। उनके निधन से संत समाज में शोक है।
Swami Swaroopanand, who was the Shankracharya of Dwarka, Sharda, and Jyotish Peeth, was not keeping well for over a year, his aide said.
He was incarcerated during the freedom struggle. He had left his home in pursuit of God at the age of 9. The Shankaracharya was born as Pothiram Upadhyay in Dighori village in the Seoni district of Madhya Pradesh in 1924.
Dwarkapeeth Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati on Sunday passed away at the age of 99 in Madhya Pradesh. The Hindu religious leader breathed his ...
He was born in a Brahmin family in Dighori village near Jabalpur in the Seoni district. He had left his home in pursuit of God at the age of nine. Swami Swaroopanand was the Shankracharya of Dwarka, Sharda, and Jyotish Peeth.
Swami Swaroopanand Saraswati passed away after a minor heart attack in Madhya Pradesh's Narsinghpur on Sunday. | Latest News India.
[Latest India News](https://www.hindustantimes.com/india-news)along with [Latest News](https://www.hindustantimes.com/latest-news)and [Top Headlines](https://www.hindustantimes.com/)from India and around the world. He had objected to the inclusion of Swami Vasudevanand Saraswati in the trust as a Shankaracharya, despite different courts having ruled against his use of the title. [Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati passed away ](https://www.hindustantimes.com/india-news/shankaracharya-swami-swaroopanand-saraswati-passes-away-at-99-101662897006803.html)after a minor heart attack in Madhya Pradesh's Narsinghpur on Sunday. Recently he had returned to the ashram. During this time, he reached Varanasi and here, he learned Veda-Vedang, scriptures from Brahmani Shri Swami Karpatri Maharaj. Shankaracharya was ailing for a long time.
Swami Swaroopanand Saraswati: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ...
Dwarka Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati dies: हिंदुओं के धर्मगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 99 ...
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार दुःखद है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी शंकराचार्य के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी शोक व्यक्त किया है. द्वारका शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. धर्मगुरु को साल 1982 में द्वारका के शंकराचार्य की उपाधि विरासत में मिली थी.
Swami Swaroopanand Saraswati: द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का अंतिम ...
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर लिखा कि, "द्वारका शारदा पीठ के परम पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने के समाचार से अत्यंत आहत हूं. पीएम ने लिखा कि, "द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट करके दुख जताया है. कुछ दिनों पहले ही स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपना 99वां जन्मदिवस मनाया था. उनकी निधन पर पीएम मोदी (PM Modi) समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने दुख जताया है. उन्होंने नरसिंहपुर (Narsinghpur) के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में अंतिम सांस ली.
Lagatar24 Desk. New Delhi, Sept 11: Dwarkapeeth Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati passes away at the age of 99, in Madhya Pradesh's Narsinghpur on ...
He was a well-known vocal opponent of the BJP-led government. [Lagatar ](https://lagatar24.com)Android App . Dwarka Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati passes away at the age of 99, in Madhya Pradesh's Narsinghpur
ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का ...
द्वारिका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का हरिद्वार से काफी ...
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Swami Vasudevanand Saraswati, a member of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust, said that Swaroopanand Saraswati was like a guru to him.
Looking for a chance to make a comeback, the student wings – Panjab University Students Union and Students Organisation of Panjab University – have cleared their intentions to contest the Panjab University's student council election this year. He said, “I had taken initiation for following the path of sainthood from Swami Swaroopanand Saraswati and always got his love. “He was a saint whose face always shone brightly for walking on the path of Sanatan Dharma. Swami Vasudevanand Saraswati, a member of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust, said that Swaroopanand Saraswati was like a guru to him. “He always showed the way and his passing away is an irreparable loss for Sanatan Dharma. Mahant Ravindrapuri, president of Akhil Bharatiya Akhara Parishad, said that Saraswati;s death was an irreparable loss.
शंकराचार्या स्वरूपानंद सरस्वती मध्य प्रदेश में थे और नरसिंहपुर में ही उनका निधन हुआ.
1940 में वे दंडी संन्यासी बनाये गए और 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली. यह वह समय था जब भारत को अंग्रेजों से मुक्त करवाने की लड़ाई चल रही थी और वे भारत छोड़ों आंदोलन में भी शामिल हुए थे. गौरतलब है कि जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और 19 साल की उम्र में वह 'क्रांतिकारी साधु' के रूप में प्रसिद्ध हुए थे. शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म ब्राह्मण परिवार में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में जबलपुर के पास दिघोरी गांव में हुआ था. इस दौरान वह काशी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली थी. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि वे एक प्रकांड विद्वान संत और शंकराचार्य तो थे ही लेकिन उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में भी अपना योगदान दिया था.
Prominent Hindu seer -- Shankaracharya of Jyotish, Dwarka and Sharda peeth -- Swami Swaroopanand Saraswati died at his ashram i.
When aged just 18, he had become a part of the country's freedom movement and was known as "Revolutionary Sadhu" for taking part in the 1942 Quit India Movement. Nine years later in 1982, he also became the Shankaracharya of Dwarka Peeth. Your incomparable contribution to the Indian knowledge tradition will be remembered by the whole world for eternity," Shivraj Singh Chouhan tweeted. He had left home when aged just nine years only in pursuit of god. after a mild heart attack at the Jhoteshwar Paramhansi Ganga Ashram. Narsinghpur MLA and former MP Vidhan Sabha Speaker N.P.
MP News: स्वामी स्वरूपानंद 1950 में दंडी संन्यासी बनाए गए थे.ज्योर्तिमठ पीठ के ब्रह्मलीन ...
वहीं ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य के रूप में दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के नाम की चर्चा है. द्वारका शारदा पीठ के उनके उत्तराधिकारी के रूप में दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज का नाम सबसे आगे है. उनके आश्रम में ही उनके इलाज की व्यवस्था की गई थी. जबलपुर: द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankaracharya Swaroopanand saraswati) का निधन रविवार को दोपहर में हो गया है.शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के देवलोक गमन के बाद उनके उत्तराधिकारी के नाम पर चर्चा तेज हो गई है. ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य की पदवी उन्हें एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिली थी.शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद अब उनके उत्तराधिकारी की चर्चा तेज हो गई है. स्वामी स्वरूपानंद 1950 में दंडी संन्यासी बनाए गए थे.ज्योर्तिमठ पीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे.
Swami Swaroopanand Saraswati गुरु पूर्णिमा पर्व के अवसर पर अपने गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ...
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज 99 वर्ष के थे। भाद्रपद की हरितालिका तीज पर उनका जन्मदिन मनाया जाता है। ब्रह्मलीन स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज वर्ष 1973 में पहले शंकराचार्य कृष्ण बोध आश्रम जी महाराज के बाद शंकराचार्य पद पर आसीन हुए थे। सहारनपुर, जागरण संवाददाता। Swami Swaroopanand Saraswati रविवार को ब्रह्मलीन हुए द्वारका एवं शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज सहारनपुर में माता श्री शाकंभरी देवी के भी अनन्य उपासक थे। सिद्धपीठ श्री शाकंभरी देवी परिक्षेत्र में भी उनका आश्रम पुराने समय से प्रतिष्ठित है। Swami Swaroopanand Saraswati गुरु पूर्णिमा पर्व के अवसर पर अपने गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की आरती उतारते आश्रम प्रभारी स्वामी सहजानंद जी महाराज (फाइल फोटो)। सिद्धपीठ श्री शाकंभरी देवी परिक्षेत्र में भी उनका आश्रम पुराने समय से प्रतिष्ठित है।
Dehradun (Uttarakhand) [India], September 11 (ANI): Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami on Sunday expressed deep grief over the death of ...
He always showed the way to follow the path of righteousness and truth. Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath said, “The existence of Shri Dwarka-Sharda Peeth and Jagatguru Shankaracharya of Jyotirmath Peeth, revered Swami Shri Swaroopanand Saraswati Ji Maharaj, is an irreparable loss to the saint society. Congress leader Rahul Gandhi said, “The news of the passing away of Pujyapada Jyotishpeethadhishwar and Dwarka Sharadapeethadhishwar, Jagadguru Shankaracharya Swami Shri Swaroopanananda Saraswati Ji is sad. May Lord Shri Ram grant the departed soul a place in his supreme abode and strength to the bereaved Hindu society to bear this sorrow. He said that the death of Swamiji is an irreparable loss to the Sant Samaj and the entire nation,” Dhami tweeted. His work dedicated to spreading Sanatan culture and religion will always be remembered.
Shankaracharya Swami: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के पार्थिव देह का अंतिम संस्कार आज ...
वर्ष 1981 में स्वरूपानंद सरस्वती को शंकराचार्य की उपाधि मिली थी. पार्थिव शरीर को सिद्धासन की मुद्रा में बैठाकर भूमि में दफना दिया जाता है. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के पार्थिव शरीर को आज नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में भू-समाधि दिलाई जाएगी. आम तौर पर संतों की पार्थिव देह को उनके गुरु की समाधि के पास या मठ में दफनाया जाता है. Swami Swaroopanand Saraswati Last Rites: द्वारका-शारदा पीठ और ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Swami Swaroopanand Saraswati) के पार्थिव शरीर का आज मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर (Narsinghpur) स्थित आश्रम में शाम चार बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा. शंकराचार्य के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है.
Swami Swaroopanand Saraswati Died: द्वारकाशारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल ...
जनवरी, 2014 में जबलपुर में एक पत्रकार ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से महज इतना पूछा था कि नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल में से आपको कौन बेहतर प्रधानमंत्री लगता है. स्वामी सानंद ने कहा था कि,"मैं सिस्टम से हार गया. स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती दो पीठों (ज्योतिर्मठ और द्वारका पीठ) के शंकराचार्य थे. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा था कि," क्या आरएसएस को डॉ. जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन को अशुभ बताया था. स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती और शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का विवाद कोर्ट तक पहुंच गया था. हालांकि इसके बाद आरएसएस के गणवेश में बदलाव भी देखने को मिला है. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के मतानुसार, इस्कॉन भारत में आकर कृष्ण भक्ति की आड़ में धर्म परिवर्तन कर रहा है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती में वैराग्य की भावना ऐसी कि महज 9 साल की उम्र में अपना घर त्याग दिया था. स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती का मानना था कि सांई बाबा की पूजा करना गलत है. शंकराचार्य के जीवन में विवादों को कोई कमी नहीं रही. डीएनए हिंदीः शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Swami Swaroopanand Saraswati) ने 99 साल की उम्र में रविवार को देह त्याग दी.
Morari Bapu on Swami Swaroopanand Saraswati : द्वारका शारदापीठ स्वामी शंकराचार्य सरस्वती का रविवार को ...
शंकराचार्य के अनुयायियों ने कहा कि वह 1981 में शंकराचार्य बने और हाल ही में शंकराचार्य का 99वां जन्मदिन मनाया गया। उनके लाखों अनुयायियों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं। उनके अनुयायियों ने बताया कि शंकराचार्य को उस समय भी हिरासत में लिया गया जब वह राम मंदिर निर्माण के लिए एक यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और संत के अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त की। देश के चर्चित रामकथा वाचक मोरारी बापू ने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर शोक जताया है। एक बयान जारी करते हुए मोरारी बापू ने कहा, 'हमारे सनातन, वैदिक, सास्वतीय परंपरा के जगद्गुरु भगवान शंकराचार्य की दिव्य परंपरा के एक महापुरुष, हमारे द्वारका के शारदापीठाधीश्वर भगवान स्वरूपानंद जी निर्वाण पथ को प्राप्त कर गए हैं। समग्र सनातन धर्म, वैदिक परंपरा, हम सबके लिए बहुत बड़ी क्षति है। विशेषकर कि मेरी व्यक्तिगत के प्रति आपका आदर और वात्सल्य बहता रहा। जब जब दर्शन करने गया, बहुत स्नेह से आशीर्वाद देते रहे। ऐसे हमारी संस्कृति की महान ज्योति ब्रह्मलीन हुई है। हम और क्या कहें लेकिन इस निर्वाण को मानसिक रूप में मेरा दंडवत प्रणाम, मेरी अंत:करण की पूरी श्रद्धांजलि मैं समर्पित करता हूं। और कुछ ना कहकर नतमस्तक होकर पुन: एक बार फिर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।' उन्होंने Swami Swaroopanand Saraswati की मौत के बाद एक नोट लिखा जिसमें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। Morari Bapu on Swami Swaroopanand Saraswati: द्वारका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। 99 साल के स्वरूपानंद सरस्वती को‘क्रांतिकारी साधु' के रूप में भी जाना जाता था। उनके निधन पर तमाम हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। खबर के मुताबिक, आज दोपहर में करीब तीन से चार बजे के बीच उनके आश्रम परिसर में ही उन्हें भू समाधि दी जाएगी।
He passed away at his Ashram in the Narsinghpur district around 3:30 PM, Swami Sadanand Maharaj, second-in-command (known as Dandi Swami) of the Dwarka ...
He was incarcerated during the freedom struggle. [‘Working on Plan to Revive Stalled Gas-fired Plants’](/epaper/delhicapital/2022/sep/12/et-front/working-on-plan-to-revive-stalled-gas-fired-plants/articleshow/94139150.cms) Swami Swaroopanand, who was the Shankracharya of Dwarka, Sharda, and Jyotish Peeth, was not keeping well for over a year, he said.
Swami Swaroopanand Saraswati ज्योतिष पीठ के तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती ने ...
- # मनमोहन सिंह से मिले थे। फिर चार नवंबर 2008 को गंगा राष्ट्रीय नदी घोषित की गईं। केंद्र सरकार की सेतु समुद्रम् परियोजना का विरोध करते हुए श्रीसेतुबंध रामेश्वरम् रक्षा मंच का गठन कर उसका मुखर विराध किया था।
ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती अब ...
[इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...](https://dainik-b.in/LAR8reALftb) [इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करें...](https://www.bhaskar.com/jeevan-mantra/dharm/news/shankaracharya-swaroopanand-saraswati-samadhi-on-monday-12-september-why-samadhi-is-given-to-sages-and-saints-130305734.html?ref=inbound_article) इससे पहले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारियों के नाम सोमवार दोपहर घोषित कर दिए गए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख घोषित किया गया है। उनके नामों की घोषणा शंकराचार्य जी की पार्थिव देह के सामने की गई। ज्योतिष पीठ का प्रभार अभी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के पास है। जबकि द्वारका पीठ का प्रभार दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती को मिला हुआ है।
Shankracharya Swaroopanand Saraswati: हिंदूओं के धर्मगुरु माने जाने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ...
1950 में स्वामी स्वरूपानंद ने दंड सन्यासी की दीक्षा ली और 1981 में इन्हें द्वारका और ज्योतिर्मठ का शंकराचार्य बनाया गया. आदि शंकराचार्य ने सनातन परंपरा को एक सूत्र से जोड़कर रखने के लिए देश की चारों दिशाओं में मठों की स्थापना की थी, जिसमें गोवर्धन, जगन्नाथपुरी (उड़ीसा) पूर्व में, पश्चिम में द्वारका शारदामठ (गुजरात), ज्योतिर्मठ बद्रीधाम (उत्तराखंड) उत्तर में , दक्षिण में शृंगेरी मठ, रामेश्वरम (तमिलनाडु) में है. आदि शंकराचार्य ने इन चारों मठों में सबसे योग्य शिष्यों को मठाधीश बनाने की परंपरा शुरु की थी, तब से ही इन मठों के मठाधीश को शंकराचार्य की उपाधि देते हैं. Shankracharya Swaroopanand Saraswati: हिंदूओं के धर्मगुरु माने जाने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 साल की उम्र में निधन हो गया. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती श्रेष्ठ संन्यासियों में से एक थे जिन्होंने हिंदूओं को संगठित करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. स्वतंत्रता सेनानी बने शंकराचार्य को आजादी की लड़ाई में वाराणसी में 9 माह और मध्यप्रदेश में 6 महीने जेल की सजा काटनी पड़ी.
हिन्दू धर्म में आम लोगों का अंतिम संस्कार जलाकर किया जाता है, लेकिन साधु-संतों के लिए ...
ये इसलिए किया जाता है क्योंकि संतों का पूरा जीवन परोपकार के लिए होता है. संतों को समाधि देने के लिए गड्ढा खोदा जाता है, जिसे गाय के गोबर से लीपा जाता है. सन्यासी के शरीर पर घी और भस्म लगाया जाता है. इसलिए मृत्यु के बाद पृथ्वी तत्व में या जल तत्व में विलीन करने की परंपरा है. साधु-संतों का अंतिम संस्कार भू या जल समाधि देकर किया जाता है. हिन्दू धर्म में आम लोगों का अंतिम संस्कार जलाकर किया जाता है, लेकिन साधु-संतों के लिए अंतिम संस्कार के नियम अलग होते हैं.
Swami Swaroopanand Saraswati, the Shankaracharya of Sharda Peeth Dwarka and Jyotirmath Badrinath Peeth, died on Sunday at the age of 99.
Subodhanand Maharaj, the personal secretary of Shankaracharya, announced the names of the successors. The names of both were announced in front of the body of Shankaracharya. The successors of Swami Swaroopanand have also been announced.
Swaroopanand Saraswati द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार ...
ज्योतिषमठ और शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंदर सरस्वती के निधन के बाद उनके ...
Dwarka Sharda Peeth Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati, often called 'Revolutionary Sadhu', passed away following a prolonged illness at Shridham ...
In February 2016, Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati questioned the claim of ISKCON to be a part of Sanatana Dharma. From emperors to queens, the diamond has changed several hands... He pointed out that the RSS claimed to be working for Hinduism, but thousands of RSS workers in Arunachal Pradesh ate beef. Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati raised questions with the Censor Board about the film PK in January 2015. Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati said that Sai Baba was the reason for the drought in Maharashtra. According to him, worshipping Sai Baba is a conspiracy to divide Hindus. It is one of the... Apart from this, without taking names, he also targeted the Modi government for not stopping cow slaughter. According to reports, Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati targeted the RSS and BJP over the affairs of the Ram temple by alleging corruption of the temple functionaries. New Delhi: Dwarka Sharda Peeth Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati, often called 'Revolutionary Sadhu', passed away following a prolonged illness at Shridham in the Narsinghpur district of Madhya Pradesh on September 11, 2022. Here in this article, we discuss controversies related to Dwarka Sharda Peeth Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati. [In Pics: A look at the celebration of India and Nepal's Indra Jatra festival](/photogallery/knowledge-images/in-pics-a-look-at-the-celebration-of-india-and-nepals-indra-jatra-festival-195299#debate-in-article)
A galaxy of leaders, including Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan, Union ministers Prahlad Patel and Faggan Singh Kulaste, former MP chief ...
He became a freedom fighter in the He was once known as a "revolutionary sadhu" for participating in the freedom struggle and often spoke his mind on religious and political issues. [Swami Swaroopanand](/topic/swami-swaroopanand)Saraswati was laid to rest on Monday with state honours amid the chanting of Vedic mantras on the campus of his ashram in [Madhya Pradesh](/topic/madhya-pradesh)'s Narsinghpur district.
बता दें कि उत्तर के ज्योतिषपीठ एवं पश्चिम के द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु ...
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का गंगा आश्रम मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर में हैं. स्वरूपानंद सरस्वती दो पीठों के शंकराचार्य थे. ज्योतिष पीठ(ज्योतिर पीठ) के नए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती होंगे.
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को दोपहर साढ़े तीन बजे के आसपास संत परंपरा के ...
राजकीय सम्मान के साथ शंकराचार्य जी महाराज को भू-समाधि दी गई. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को दोपहर साढ़े तीन बजे के आसपास संत परंपरा के अनुसार भू-समाधि दी गई. MP news: ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी सरस्वती (Swami Swaroopanand Saraswati) के देवलोक गमन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने शोक व्यक्त किया है.
Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati- ज्योतिष एवं द्वारका पीठ के पंडित आचार्य रविशंकर द्विवेदी ...
ज्योतिष एवं द्वारका पीठ के पंडित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री ने बताया कि श्रृंगेरी पीठ के सचिव वी गौरी शंकर और पुरी पीठ के प्रतिनिधि ने अभिषेक एवं पट्टा वस्त्र ओढ़ाकर शंकराचार्य की घोषणा की। पंच अग्निपीठ के आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि रामकृष्णानंद ने शाल श्रीफल देकर दोनों शंकराचार्यों को सम्मानित किया। गौरतलब है कि शंकराचार्य दो पीठों के स्वामी थे। अब स्वामी सदानंद सरस्वती को द्वारका शारदा पीठ का और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ का प्रमुख घोषित किया गया है। दोनों के नाम की घोषणा शंकराचार्य स्वरूपानंद की पार्थिव देह के सामने की गई। Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati- ज्योतिष एवं द्वारका पीठ के पंडित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री ने बताया कि श्रृंगेरी पीठ के सचिव वी गौरी शंकर और पुरी पीठ के प्रतिनिधि ने अभिषेक एवं पट्टा वस्त्र ओढ़ाकर शंकराचार्य की घोषणा की।
Why In News? On September 11, 2022, Swami Swaroopanand Saraswati, the biggest religious leader of Hindus and Shankaracharya of Dwarka-Sharda Peeth, died at the ...
- When Gandhiji gave the slogan of Quit India to the British in 1942, he also jumped into the freedom struggle and became famous as a 'revolutionary monk' at the age of 19. - At the age of nine, he left home and started religious journeys. Jagadguru Shankaracharya Shri Swami Swaroopanand Saraswati ji was the Shankaracharya of two mathas (Dwarka and Jyotirmath).
Swami Swaroopanand Saraswati ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रमुख शिष्य दंडी ...
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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित किए गए. फिर शंख से ...
सोमवार को धर्मनगरी हरिद्वार के संतों ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शोक सभा का आयोजन किया. नरसिंहपुर: बीते रोज निधन के बाद सनातन धर्म के ध्वजवाहक कहलाने वाले हिंदुओं के सबसे बड़े गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को हजारों हजार लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश में राजकीय शोक का ऐलान किया. सीएम शिवराज ने राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया और उन्होंने राजकीय शोक की घोषणा की. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को मध्य प्रदेश नरसिंहपुर स्थित तपस्थली में विधि विधान से समाधि दी गई. भक्तों का आंखें इस दौरान नम रहीं. अंतिम दर्शन के बाद भक्तों की भारी भीड़ के साथ गुरुगेव को अंतिम यात्रा निकली. इस दौरान सभी जय गुरुदेव के जयघोष...भजन-कीर्तन...और वैदिक मंत्रोच्चार कर रहे थे. कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में आयोजित शोक सभा मे संतों ने शंकराचार्य की विद्वता और सरल स्वभाव का जिक्र करते हुए कहा कि स्वामी जी को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाना चाहिए. घी से स्नान के बाद चंदन का लेप लगाया गया. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के समाधि के मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत सैकड़ों VIP भी स्वामीजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे. फिर शंख से करीब 7 लीटर दूध से स्नान कराया गया.
Mathura region is in mourning after Dwarka peeth Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati died on Sunday, aged 99.
Swaroopanand Saraswati was also a freedom fighter and played an important role in the Quit India movement, earning him the moniker "Krantikari Sadhu." He had sparked outrage with comments on daughters performing their parents' last rites. Swami Swaroopanand Saraswati, who was born in Madhya Pradesh's Seoni district, was known for his views on national issues.