कहने के लिए तो शास्त्री जी अहिंसा को मानते थे लेकिन अपनी मातृभूमि को सबसे ऊपर रखते थे।
[India News](https://www.amarujala.com/india-news) in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. जब साल 1965 में भारत पाकिस्तान के बीच जंग जारी थी, तभी अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने शास्त्री को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ जंग नहीं रोकी, तो अमेरिका जो गेहूं भेजता है, वो बंद कर देगा। उस वक्त भारत गेहूं के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं था। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को ये बात चुभ गई। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि हम लोग एक वक्त का भोजन नहीं करेंगे। उससे अमेरिका से आने वाले गेहूं की जरूरत नहीं होगी। शास्त्री की अपील पर उस वक्त लाखों भारतीयों ने एक वक्त खाना खाना छोड़ दिया था। देशवासियों से अपील करने पहले शास्त्री ने खुद अपने घर में एक वक्त का खाना नहीं खाया और न ही उनके परिवार ने खाना खाया। वे देखना चाहते थे कि उनके बच्चे भूखे रह सकते हैं या नहीं। जब उन्होंने देख लिया कि वो और उनके बच्चे एक वक्त बिना खाना खाए रह सकते हैं, तब जाकर उन्होंने देशवासियों से अपील की। दो अक्तूबर को गांधी जयंती के अलावा देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के रूप में भी जाना जाता है। शास्त्री का जन्म दो अक्तूबर, 1904 को हुआ था। उनकी सादगी और साहस से हर कोई परिचित है। उनके ही नेतृत्व में भारत ने वर्ष 1965 की जंग में पाकिस्तान को शिकस्त दी थी। वे देश के ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनकी एक आवाज पर देशवासियों ने एक वक्त का खाना तक छोड़ दिया था। बता दें, लाल बहादुर शास्त्री 9 जून, 1964 को देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे। आइए जानते हैं उनके बारे में सबकुछ...
Lal Bahadur Shastri Jayanti : शास्त्री जी एक कुशल नेतृत्व वाले गांधीवादी नेता थे और सादगी भरी जीवन ...
जानें लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें Lal Bahadur Shastri Jayanti : जानें लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें [हिंदी न्यूज़](/) [करियर](/career/)Lal Bahadur Shastri Jayanti : जानें लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें
Lal Bahadur Shastri Jayanti 2022: लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय (अब उत्तर ...
पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद 09 जून 1964 को लाल बहादुर शास्त्री को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे. उस समय शास्त्री जी भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद के हालातों को लेकर समझौता करने ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान से मिलने गए थे. उन्होंने सभी परिवार को घर में चावल और गेंहू उगाने का आग्रह किया था. शास्त्री जी को आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता के लिए देश की आकांक्षाओं में उनके योगदान के लिए एक उत्कृष्ट राजनेता के रूप में माना जाता है. भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ये 118वीं जयंती (Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary) है. Lal Bahadur Shastri Jayanti 2022: भारत में हर साल 2 अक्टूबर को दो महान नेताओं महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जाती है.
हमें शांति के लिए उतनी ही बहादुरी से लड़ना चाहिए, जितना हम युद्ध में लड़ते हैं.
1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने देश में 'भोजन की कमी' के ...
1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने देश में ‘भोजन की कमी’ के बीच सैनिकों और किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए ‘जय जवान’ ‘जय किसान’ का नारा दिया। उस समय उन्होंने अपना वेतन तक लेना बंद कर दिया था। उन्होंने अपने विनम्र स्वाभाव, मृदुभाषी व्यवहार और आम लोगों से जुड़ने की क्षमता से भारत की राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी थी। नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। 2 अक्टूबर को हर साल गांधी जयंती के साथ लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय जिले में हुआ था। वह 1964 में भारत के प्रधानमंत्री बने और 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश का नेतृत्व किया। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने देश में ‘भोजन की कमी’ के बीच सैनिकों और किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए ‘जय जवान’ ‘जय किसान’ का नारा दिया। उस समय उन्होंने अपना वेतन तक लेना बंद कर दिया था।
Mahatma Gandhi and Lal Bahadur Shastri: देश आज भारत दो महान विभूतियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत ...
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय (अब दीनदयाल उपाध्याय नगर) में एक कायस्थ परिवार में हुआ था. लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था. बाद में उन्होंने राजकोट और वांकानेर में दीवान का काम किया था. महात्मा गांधी के पिता करमचंद गांधी ने पोरबंदर की दीवानगीरी छोड़ने के बाद राजस्थान कोर्ट में काम किया था. वहीं, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में लाल बहादुर शास्त्री का भी महत्वपूर्ण योगदान है. महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को उनकी स्मृति में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है.
नयी दिल्ली, दो अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को भारत के दूसरे ...
Mahatma Gandhi Jayanti-Lal Bahadur Shastri Jayanti लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल ...
Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary: आज देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है.
हालांकि अयूब खान लाल बहादुर शास्त्री से प्रभावित नहीं हुआ लेकिन जब भारत पाकिस्तान युद्ध में भारत की सेना लाहौर तक पहुंच गई और सीजफायर हुआ तो अयूब खान भी लाल बहादुर शास्त्री की शख्सीयत का फैन हो गया था. लाल बहादुर शास्त्री किन उच्च मूल्यों वाले व्यक्ति थे कि जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने अपनी पहली कार किस्तों पर ली थी. साल 1964 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री का पद संभाला. जब ताशकंद समझौते के बाद लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था तो उनके अंतिम संस्कार में भारत पहुंचने वाले विदेशी मेहमानों में सबसे पहला नाम अयूब खान का ही था. ऐसे में वक्त में शास्त्री ने गजब की नेतृत्व क्षमता दिखाई और भारतीय सेना को पंजाब की तरफ से मोर्चा खोलने का आदेश दिया. साथ ही शास्त्री जी ने देशवासियों से अपील की कि वह खाली पड़ी जमीन में अनाज या सब्जियों का उत्पादन करें.
देहरादून में बलबीर क्लॉक टावर बनने के बाद 23 अक्टूबर, 1953 की शाम को तत्कालीन रेलमंत्री ...
घंटाघर के शीर्ष पर 6 घड़ियां लगाई गई हैं, जो उस दौर में स्विट्जरलैंड से भारी भरकम मशीनों के साथ मंगवाई गई थीं. इसी के साथ ही निर्माण में भूमि के स्वामित्व और ठेकेदार की कोटेशन, तांगा चालकों का विवाद निर्माण में रुकावट बना. उन्होंने बलबीर सिंह के बेटे आनंद सिंह को सुझाव दिया कि अगर घंटाघर के निर्माण के शिलान्यास के लिए उत्तर प्रदेश की तत्कालीन गवर्नर सरोजिनी नायडू तैयार हो जाती हैं, तो सभी विवाद खुद ही खत्म हो जाएंगे. क्योंकि आपसी प्रतिद्वंद्विता के चलते शहर के बाकी रईस नहीं चाहते थे कि इस क्लॉक टावर का निर्माण हो. भारत में यह बिना घंटानाद का सबसे बड़ा घंटाघर है. पिता बलबीर सिंह की याद में यह घंटाघर आनंद सिंह ने बनवाया था और तत्कालीन रेलवे व यातायात मंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri Jayanti) ने इसका उद्घाटन किया.
आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती है। इस मौके पर देश बापू को याद कर रहा है। हर ...
Gandhi Jayanti 2022: पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और ...
Lal Bahadur Shastri Jayanti: शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय (अब उत्तरप्रदेश) में हुआ ...