20 20 World Cup

2022 - 10 - 23

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T-20 World Cup: भारत की रोमांचक जीत पर मेरठ में कोहली के पोस्‍टर लेकर ... (दैनिक जागरण)

India Win टी 20 वर्ल्‍ड कप में भारत की पाकिस्‍तान पर जीत को लेकर मेरठ में लोगों में उत्‍साह ...

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Capt. Amarinder Singh ने भारतीय क्रिकेट टीम को T-20 विश्व कप मैच में ... (Dainik Savera)

Congratulations to the Indian cricket team for their emphatic win over Pakistan in T-20 World Cup match today. My best wishes to the boys, the whole country is ...

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Ind Vs Pak: कोहली की आसमान से बातचीत, पांड्या के आंसू और गावस्कर का ... (नवभारत टाइम्स)

टी-वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को हराया · विराट कोहली ने खेली 53 गेंदों पर 82 रनों ...

अब बात इस जीत के मायने की कि आखिर पाकिस्तान के लिए यह हार क्यों भारी साबित हो सकती है। कहीं यह हार पाक टीम को मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित न कर दे। कहीं ऐसा न हो जाए कि आने वाले मुकाबलों में भारतीय टीम को सामने देखकर ही पाकिस्तानी टीम दबाव में आ जाए। इस डर के जायज कारण भी हैं। मुकाबले के पहले 10 और आखिरी तीन ओवर्स को छोड़ दें तो पाक टीम हमेशा आगे थी। 12वें ओवर में कोहली और पांड्या ने 20 रन लूटे, फिर भी पाकिस्तान के लिए टेंशन नहीं थी। उसके तेज गेंदबाजों के छह ओवर बाकी थे। समस्या तो 18वें ओवर में शुरू हुई जब शाहीन अफ्रीदी के ओवर में कोहली ने तीन चौके जड़ दिए। 19वें ओवर में जब हैरिस राउफ की अंतिम दो गेंदों पर छक्के लगे, तब पाकिस्तान टीम बिखरने लगी। मोहम्मद नवाद स्पिन छोड़ स्लो मीडियम पेस गेंदबाजी करने लगे। विकेटकीपर रिजवान इतने पीछे जाकर खड़े हो गए मानो नवाज नहीं शोएब अख्तर गेंदबाजी कर रहे हों। नवाज नो और वाइड गेंदें फेंकने लगे। कप्तान बाबर आजम अंपायर से झगड़ा करने लगे। यह लग गया कि पाकिस्तानी खिलाड़ी इस काउंटर अटैक से अचंभित थे। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ऐसा वास्तव में हुआ है और जीती हुई बाजी उनके हाथ से फिसल गई है। साल 1986 में शारजाह में भारतीय टीम के साथ ऐसा ही हुआ था। जीत की कगार पर खड़ी भारतीय टीम को जावेद मियांदाद के आखिरी गेंद पर लगाए छक्के ने ऐसा मनोवैज्ञानिक घाव दे दिया कि कई वर्षों तक शारजाह में भारतीय टीम के लिए पाकिस्तान को हराना मुश्किल हो गया। रविवार को एमसीजी पर विराट कोहली की 53 गेंदों पर 82 रन की पारी में हरेक शॉट जावेद मियांदाद के उस छक्के जितना ही असरदार था। देखना है कि बाबर आजम की टीम इससे कितनी जल्दी उबर पाती है। मैदान पर कोहली की यह तस्वीर देखकर सब कुछ अविश्वसनीय भले लगा हो, लेकिन इसके बाहर की दो तस्वीरों में ऐसा कुछ नहीं था। हार्दिक पांड्या की आंखों से बह रहे आंसुओं में कुछ अविश्वसनीय नहीं था। वे आंसू विश्वास के थे। इस विश्वास के कि हालात चाहे जैसे भी हों, यह टीम कभी भी मुकाबले का रुख बदल सकती है। कोहली यदि मैदान पर हों तो कुछ भी संभव है। मैच के बाद खुद कोहली ने भी बताया कि बल्लेबाजी के दौरान हार्दिक उन्हें बार-बार यही बात कह रहे थे। भारतीय टीम की बल्लेबाजी के पहले 10 ओवर के बाद जब टीम का स्कोर चार विकेट पर 45 रन ही था, कोहली 21 गेंदों पर 12 रन बनाकर खेल रहे थे। उन्हें खुद लग रहा था कि उनकी धीमी बल्लेबाजी टीम के लिए मुसीबत बन सकती है, लेकिन पांड्या जानते थे कि कोहली का पिच पर टिके रहना कितना जरूरी था। इसलिए वे लगातार उनसे कह रहे थे कि गेंद को गैप में धकेलो, सिंगल-डबल भागो और रनों का फासला कम करो। मुकाबला जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, हम जीत की ओर बढ़ते जाएंगे। 20वें ओवर की पहली गेंद पर आउट होने से काफी पहले से पांड्या संघर्ष कर रहे थे। बाउंड्री लगाने के प्रयास में वे बार-बार गेंद फील्डर्स के आसपास खेल रहे थे, लेकिन कोहली तब तक लय में आ चुके थे। आउट होकर पवेलियन लौटते पांड्या ज्यादा तनाव में नहीं दिखे। उन्होंने मैदान पर रुककर दिनेश कार्तिक से कुछ कहा भी। टीम इंडियो को जीत के लिए तब भी पांच गेंदों पर 16 रन की जरूरत थी, लेकिन पांड्या आश्वस्त थे कि कोहली अब भी दूसरे छोर पर खड़े हैं। टीम को जीत दिलाकर कोहली ने जब उनके विश्वास को सही साबित कर दिया तो उनके आंसू रुक नहीं सके। वे यह कहने से भी खुद को रोक नहीं सके मैं आज यहां खड़ा नहीं होता यदि....। आगे तो आप भी जानते हैं उनके मुंह से किसका नाम निकला होगा। अश्विन के लॉफ्टेड शॉट के फील्डर से दूर जाते ही पवेलियन से सूर्यकुमार यादव मैदान के अंदर दौड़ पड़े। वे आए और कोहली को गले लगा लिया। विजयी रन पूरा करने के बाद अश्विन भी दौड़कर कोहली के पास पहुंचे। इसके बाद तो जैसे पूरी भारतीय टीम ही मैदान पर आ गई। कार्तिक, पांड्या, राहुल, अर्शदीप...सब कोहली को पकड़ने दौड़े। कप्तान रोहित शर्मा आए और कोहली को पकड़कर ऐसे उठा लिया मानो वे कोई छोटे बच्चे हों। रोहित उन्हें गोद में उठाकर नाचने लगे। कोहली भी उनके साथ जीत के इस क्षण को जीने में कोई कोताही नहीं बरत रहे थे। कुछ पलों बाद वे अचानक इस सबसे दूर चले गए। पसीने से तरबतर कोहली अकेले में आसमान की ओर देखकर जैसे कुछ बातें कर रहे थे। उनके हाथों के हाव भाव से लग रहा था मानों उन्हें भी पता नहीं ये क्या हो गया। उन्हें शायद खुद भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उन्हेंने क्या कर दिया है।

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