Govardhan Puja 2022: हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना महत्व है. दीपावली के अगले दिन गोवर्धन ...
इसके बाद सभी ब्रजवासी इंद्रदेव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे. इसलिए उनकी पूजा की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि गोवर्धन पर्वत पर गायें चरती हैं. गोवर्धन पूजा का महत्व क्या है. इस दौरान घर के बाहर गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहते है. दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है.
Govardhan Puja Time: इस साल गोवर्धन पूजा का पर्व कब मनाया जाएगा, ये सवाल सभी के मन में है, ...
हालांकि हर तिथि दो दिन पड़ने की वजह से और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने की वजह से कल यानी 25 तारीख को गोवर्धन पूजा करना मुश्किल है. आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा के लिए 26 अक्टूबर को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. इसलिए 26 अक्टूबर को ही पूजा का मुहूर्त रहेगा. पहले आपको बता दें कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है. ऐसे में दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जा सकती है? Govardhan Puja Time: इस साल गोवर्धन पूजा का पर्व कब मनाया जाएगा, ये सवाल सभी के मन में है, क्योंकि इस दिवाली पर हर तिथि दो दिन पड़ रही है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Govardhan Puja Importance: गोवर्धन पूजा दिवाली के ठीक दूसरे दिन बनाई ...
पूजा के समय गोवर्धन परिक्रमा नंगे पैर ही करें. गोवर्धन पूजा इस साल 25 अक्टूबर और 26 अक्टूबर को पड़ रही है. गाया की पूजा करने के साथ अपने ईष्टदेव या भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा की जाती है.
Govardhan Puja 2022 प्रत्येक वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है और ...
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Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा के शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 02 घंटे 14 मिनट, जानें पूजा विधि, महत्व ...
गोवर्धन पूजा के शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 02 घंटे 14 मिनट Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा के शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 02 घंटे 14 मिनट, जानें पूजा विधि, महत्व और कथा [हिंदी न्यूज़](/) [धर्म](/astrology/)Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा के शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 02 घंटे 14 मिनट, जानें पूजा विधि, महत्व और कथा
इस साल सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा की तिथि में बदलाव किया गया है. इस बार दिवाली के ...
इस बार सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा की तिथि में बदलाव हो गया है. तभी से गोवर्धन पूजा की परंपरा चली आ रही है. इस बार गोवर्धन पूजा का पर्व दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को मनाने के बजाय बुधवार 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दिवाली के दिन घर में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इस बार दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं होगी. इस साल सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा की तिथि में बदलाव किया गया है.
दिवाली के दूसरे दिन बासी दिवाली गोवर्धन पूजा के दिन कढ़ी चावल बनाने का रिवाज है, ...
दिवाली के दिन काफी हेवी और तेल का खाना खाते हैं, ऐसे में कढ़ी चावल से पेट हल्का रहता है, पाचन संबंधी समस्याएं नहीं होती. इसलिए गाय की पूजा करके उसके दूध की छाछ से बनी कढ़ी और धान से उत्पन्न चावल से कान्हा को भोग लगाकर उसकी पूजा की जाती है. कढ़ी चावल का धार्मिक महत्व यह है कि गोवर्धन पूजा उस दिन की जाती है,जिस दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल वासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था, इस दौरान कान्हा ने मानव जीवन को सुखद बनाए रखने के लिए गौवंश और प्रकृति के महत्व के बारे में भी बताया था. दिवाली के दिन भले ही दूसरे पकवान बनते हैं लेकिन दूसरे दिन बासी दिवाली पर जिस दिन गोवर्धन होता है उस दिन कढ़ी चावल बनता है, हालांकि इस बार सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) के चलते गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) नहीं हो रही है, फिर भी कढ़ी चावल बनाने का अलग ही महत्व है. श्रीकृष्ण को इसका भोग लगाया जाता है, इसके साथ ही अन्नकूट का प्रसाद भी बनता है. कढ़ी चावल बनने का रिवाज सदियों से चली आ रही है.
Govardhan Puja 2022: सूर्य ग्रहण की वजह से इस साल गोवर्धन पूजा की तिथि में बदलाव हुआ है.
[Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण से बदल जाएगी गोवर्धन पूजा की तारीख! ऐसे में गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पर्व 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इसके अलावा इस दिन पशुधन गाय की पूजा का भी विधान है. हिंदू पंचांग के अनुसार गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण, गोमाता और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा की सही तिथि, पूजन के लिए शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व के बारे में.
Govardhan Puja 2022: भारत में दिवाली के ठीक अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं ...
इस बार दिवाली के ठीक बाद सूर्य ग्रहण पड़ रहा है, इस कारण गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की बजाय ...
27 अक्टूबर को भाई दूज के साथ दिवाल पर्व का समापन होगा. भाई दूज के साथ दिवाली के पर्व का समापन हो जाता है. ऐसे में 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का शुभ समय सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. चूंकि उदया तिथि के साथ शुरू किसी भी तिथि का प्रभाव पूरे दिन माना जाता है, ऐसे में गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर की शाम को भी की जा सकती है. आइए ज्योतिषाचार्य से जानते हैं गोवर्धन पूजा और भाई दूज का शुभ मुहूर्त और अन्य जरूरी बातें. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और उसके दूसरे दिन भाई दूज मनाया जाता है.
दिवाली का त्योहार इस बार 24 अक्टूबर के दिन मनाया गया है. हर साल दिवाली के अगले दिन ...
ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर की जाएगी. 26 अक्टूबर को पूजा से पहले घर में गोवर्धन पर्वत बना लें. इस बार गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नहीं की जाएगी. लेकिन इस बार दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर के दिन नहीं की जाएगी. इस बार प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू होने वाली है और 26 अक्टूबर दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक है. बल्कि 26 अक्टूबर के दिन की जा रही है.