सकट चौथ तिलकुट चतुर्थी, संकट चौथ, माघ चौथ, तिलकुट चौथ, संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी ...
सकट चौथ तिलकुट चतुर्थी, संकट चौथ, माघ चौथ, तिलकुट चौथ, संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी प्रचलित है. सकट चौथ पर चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व धार्मिक पुराणों में बताया गया है. सकट चौथ में भगवान गणेश को तिल के लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए. ज्योतिषी के अनुसार, इस साल सकट चौथ पर भद्रा का साया है. इस चतुर्थी को सकट चौथ या संकष्टि चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. कुछ जगह से लंबोदर संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है, कुछ जगह तिलकुट चौथ कहा जाता है.
Tilkuta Chauth Vrat: कल यानी 10 जनवरी 2023, मंगलवार को सकट चौथ या तिलकुटा चौथ व्रत रखा जा रहा है.
इसके बाद से उस नगर में सकट चौथ का व्रत और तिलकुट धूमधाम से होने लगा. अब मैं सदैव तिलकुट करूंगी और सकट चौथ का व्रत रहूंगी. साहूकारनी ने पड़ोसन ने सकट चौथ के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि आज वह सकट चौथ का व्रत है. उसके बाद साहूकारनी ने ढाई मन का तिलकुट किया और सकट व्रत रखा. गणेश जी के आशीर्वाद से उसके लड़के का विवाह भी तय हो गया, लेकिन साहूकारनी ने कभी भी न सकट व्रत रखा और न ही तिलकुट किया. साहूकारनी ने उससे सकट चौथ व्रत के लाभ के बारे में जानना चाहा. उसने कहा कि हे सकट देव! यह बात सुनकर उस युवती की मां साहूकारनी के पास गई और उसे सारी बात बताई. सकट चौथ के दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और उसके सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं. इस पर साहूकारनी ने कहा कि वह मां बनती है तो सवा सेर तिलकुट करेगी और सकट चौथ व्रत रखेगी. आज आपको सकट चौथ पर तिलकुट से संबंधित गणेश जी की एक कथा के बारे में बताते हैं. इस समय शुभ कार्यों को करने की मनाही है.
Sakat Chauth 2023 आज माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के सकट चौथ व्रत का पालन किया जा रहा ...
Sakat Chauth sankashti chaturthi 2023 vrat katha : माघ के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ व्रत पड़ता।
तब बुढ़िया ने सोचा कि ये तो अपने-अपने मतलब की बात कह रहे हैं। अत: उस बुढ़िया ने पड़ोसिनों से पूछा, तो उन्होंने कहा- 'बुढ़िया! तभी से महिलाएं बच्चों की सलामती के लिए माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का व्रत करने लगीं। जैसे तुमने उस बुढ़िया मां को सबकुछ दिया, वैसे ही सबको देना।
संतान के कल्याण के लिए माताएं सकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखती हैं।
Sakat Chauth Vrat Katha Hindi आज सकट चौथ है. आज के दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती ...
इस घटना के बाद माताएं देवी सकट की पूजा करती हैं और अपने बच्चों को किसी भी अप्रिय घटना से बचाने की प्रार्थना करती हैं. बूढ़ी महिला ने अपने इकलौते बेटे को सकट की सुपारी और दूब का बीड़ा सुरक्षा के रूप में दिया और अपने बेटे को भट्ठे में देवी सकट की प्रार्थना करने का सुझाव दिया और खुद सकट देवी की आराधना करने लगी. राजपुरोहित की बात सुनने के बाद राजा ने आदेश दिया कि जब भी भट्ठा तैयार हो, प्रत्येक परिवार को बली के लिए अपना एक बच्चा देना होगा. सभी परिवारों ने एक-एक करके राजा की आज्ञा का पालन करने के लिए बच्चों में से एक को देना शुरू कर दिया. देवी के इस रूप की पूजा से बच्चों पर आने वाले संकट का नाश होता है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक सकट माता को देवी दुर्गा का रूप कहा जाता है.
Sakat Chauth 2023 katha : आज माघ माह की चतुर्थी यानी कि संकट चौथ है। आज के दिन मांएं सुबह से अपने ...