Subhash Chandra Bose Jayanti

2023 - 1 - 22

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LIVE Updates | Subhas Chandra Bose Jayanti 2023: PM Modi pays ... (Zee News)

Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2023: The birth anniversary of Netaji Subhas Chandra Bose on January 23 is being observed as Parakram Day, ...

Prime Minister Narendra Modi will pay floral tributes at the portrait of Netaji Subhas Chandra Bose in the Central Hall of Parliament House on his birth anniversary on Monday. On Parakram Diwas, Prime Minister Narendra Modi will participate in a ceremony to name 21 largest unnamed islands of Andaman & Nicobar Islands after 21 Param Vir Chakra awardees at 11 AM today via video conferencing. So on this special day, we pay special tribute to Netaji on his birthday. Shah arrived at the Andaman and Nicobar Islands as a chief guest to culminate the 'Azadi Ka Amrit Mahotsav Iconic Events Week' that was held from January 17 to 23 in Port Blair. Meanwhile, Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2023 is being celebrated across the country. Neil Island and Havelock Island were also renamed as Shaheed Dweep and Swaraj Dweep. He will be remembered for his fierce resistance to colonial rule. Subhas Chandra Bose Jayanti: PM Modi to pay tribute to Netaji at Parliament on his birth anniversary today Arun Khetrapal; Flying Officer Nirmaljit Singh Sekhon; Major Ramaswamy Parameswaran; Naib Subedar Bana Singh; Captain Vikram Batra; Lt Manoj Kumar Pandey; Subedar Major (then RifleMan) Sanjay Kumar; and Subedar Major Retd (Hony Captain) Grenadier Yogendra Singh Yadav. On this day, Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti is observed which was also named as Parakram Diwas by Prime Minister Narendra Modi. Today, on January 23rd, the entire nation remembers him on his birthday. Netaji Birthday 2023: Undoubtedly, Netaji Subhas Chandra Bose is the greatest among the names that will forever be written in golden letters in the history of India's freedom movement.

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Parakram Diwas 2023 celebrates as Netaji Subhas Chandra Bose ... (Current Affairs)

Parakram Diwas 2023: India celebrates Parakram Diwas on January 23 to mark the birth of prominent Indian freedom fighter Netaji Subhas Chandra Bose.

- He had written a book called “The Indian Struggle”. Netaji joined the Indian National Congress in 1921. He didn’t want to work for the British government, therefore in 1921 he resigned and went back to India. He was the founder-head of the Azad Hind Government. He refused to join as he did not want to serve the British Government. [Parakram Diwas](https://currentaffairs.adda247.com/parakram-diwas-bose-125th-birth-anniversary/) on January 23 to mark the birth of prominent Indian freedom fighter Netaji Subhas Chandra Bose.

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Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: Top 10 Inspirational Quotes ... (The Quint)

Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 is observed today, 23 January 2023. Check out the list of best inspirational quotes by Netaji.

The title 'Netaji' was given to Subhash Chandra Bose by German and Indian officials at the Special Bureau of India in Berlin. India will be free, that too, soon.Netaji Subhash Chandra Bose Because the truth is worth it.) Forget not that the grossest crime is to compromise with injustice and wrong. It is blood alone that can pay the price of freedom. Reality is, after all, too big for our frail understanding to fully comprehend.

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Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 Quotes , Photo: नेताजी सुभाष ... (Hindustan हिंदी)

Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 Quotes: देश के स्वाधीनता आंदोलन के नायकों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र ...

Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 Quotes , Messages , Photos : आज 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती है। देश के स्वाधीनता आंदोलन के नायकों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पूरा देश पराक्रम दिवस के तौर पर मना रहा है। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा....! Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 Quotes: देश के स्वाधीनता आंदोलन के नायकों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पूरा देश पराक्रम दिवस के तौर पर मना रहा है। जयंती पर शेयर करें ये तस्वीरें । [हिंदी न्यूज़](/) [करियर](/career/)Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 Quotes , Photo: नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पर शेयर करें उनके प्रेरक विचार व नारे

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Subhash Chandra Bose Quotes: सुभाषचंद्र बोस की जयंती आज, यहां ... (प्रभात खबर)

आज सुभाष चंद्र बोस की 126वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. नेताजी ने ही हमें 'जय हिंद' (Jai Hind) का ...

हमें अधीर नहीं होना चहिये. परन्तु मैं यह जानता हूं कि अंत में विजय हमारी ही होगी भारत की आजादी की लड़ाई के इतिहास में सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है.

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Subhas Chandra Bose Jayanti: स्कूलिंग, पहली गिरफ्तारी और आजाद ... (आज तक)

Subhas Chandra Bose Jayanti: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया ...

पंजाब के जनरल मोहन सिंह ने 15 दिसंबर 1941 को आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी और 21 अक्टूबर 1943 को इसकी कमान नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सौंपी थी. लेकिन इस घटना ने भी देशवासियों में जोश भरने के काम किया, लोग घरों से निकले और आजाद हिंद फौज के सैनिकों की रिहाई और उनपर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया. नेताजी ने जब आजाद हिंद फौज की कमान संभाली, उस समय इसमें 45,000 सैनिक शामिल थे, जो युद्ध-बंदियों के साथ-साथ दक्षिण पूर्वी एशिया के अलग-अलग देशों में रह रहे थे. सुभाष चंद्र बोस के पिता जानकीनाथ बोस बंगाल के 24 परगना जिले के एक छोटे से गांव में रहते थे, जो वकालत करने कटक आ गए थे, लेकिन सुभाष चंद्र बोस के जन्म तक वे सरकारी वकील बन गए थे और बाद में नगरपालिका के पहले गैर-सरकारी अध्यक्ष भी बने. स्वतंत्रता की लड़ाई में कई उतार-चढ़ाव और संघर्ष आए लेकिन सुभाष के माता-पिता ने हमेशा धैर्य से काम लिया. साल 1913 में कटक छोड़ते हुए सुभाष को उतनी समझ नहीं थी लेकिन कलकत्ता में उन्होंने समाज सेवा, राष्ट्रीय पुनर्निमाण की समझ हासिल की.

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Subhash Chandra Bose Jayanti: नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने सिवनी जेल में ... (Nai Dunia)

Subhash Chandra Bose Jayanti:भारत सरकार के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के तौर पर मना रही है.

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Subhash Chandra Bose Jayanti: भोपाल के कलाकारों ने बनाई इन सर्च ... (Nai Dunia)

Subhash Chandra Bose Jayanti : नेताजी की जीवन गाथा और उनकी मौत का सच बाताएगी वेबसीरीज.

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आज़ादी मिलने से पहले ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने बना दी थी हिन्दुस्तान की ... (ABP News)

Parakram diwas: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है.

सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी के अहिंसा के विचारों से सहमत नहीं थे. उनके विचारों को देखते हुए उन्हें ब्रिटिश सरकार ने कोलकाता में नज़रबंद कर दिया लेकिन वे अपने भतीजे शिशिर कुमार बोस की सहायता से वहां से भाग निकले. भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद सुभाष चंद्र बोस ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. क्रांतिकारी रासबिहारी बोस से प्रभावित होकर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ादी की लड़ाई के लिए विदेशी मदद जुटाने की ठान ली थी. वास्तव में महात्मा गांधी उदार दल का नेतृत्व करते थे, वहीं सुभाष चंद्र बोस जोशीले क्रांतिकारी दल के प्रिय थे. सितंबर 1944 में शहीदी दिवस के भाषण में ही नेताजी ने आज़ाद हिंद सैनिकों को कहा था कि तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा. इस सरकार ने अंग्रेजों को बता दिया कि भारत के लोग अब अपनी जमीन पर बाहरी हुकूमत को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.आजाद हिंद सरकार की स्थापना के 75वीं वर्षगांठ पर 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया था. सुभाष चन्द्र बोस से मिलने के बाद चितरंजन दास ने उन्हें फॉरवर्ड अखबार का संपादक बना दिया. आज़ाद हिंद सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तिरंगा को चुना था, रवींद्र नाथ टैगोर रचित 'जन-गण-मन' को राष्ट्रगान बनाया था. सुभाष चंद्र बोस ने भारत के लिए पूर्ण स्वराज का सपना देखा था. सुभाष चंद्र बोस ने जापान और जर्मनी की मदद से आजाद हिंद सरकार के लिए नोट छपवाने का इंतजाम किया था. जापान ने 23 अक्टूबर 1943 को आज़ाद हिंद सरकार को मान्यता दी.

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Subhash Chandra Bose Jayanti:रामगढ़ में कांग्रेस के समानांतर ... (प्रभात खबर)

Jharkhand News: रामगढ़ में 1940 में कांग्रेस सम्मेलन से सामांतर 'समझौता विरोधी सम्मेलन' में ...

नेताजी द्वारा स्थापित पार्टी अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक ने 70 के दशक में रामगढ़ में अपना अधिवेशन किया तथा नेताजी की छोटी प्रतिमा तत्कालिन भुरकुंडा चौक पर स्थापित की. आमतौर पर लोग कहते हैं कि रामगढ़ कांग्रेस अधिवेशन के दौरान नेताजी का महात्मा गांधी से मतभेद हुआ तथा वे उनसे अलग हुए. 80 के दशक में दोबारा फॉरवर्ड ब्लॉक ने रामगढ़ में अधिवेशन किया तथा सुभाष चौक पर नेताजी की आदमकद प्रतिमा स्थापित किया. नेताजी वर्ष 1940 में रामगढ़ आये थे तथा रामगढ़ में कांग्रेस सम्मेलन के समानांतर 'समझौता विरोधी सम्मेलन' किया था. बताया जाता है कि रामगढ़-बरकाकाना मार्ग पर जहां अभी टेलिफोन एक्सेंज है तथा नये बस स्टैंड के निकट एमईएस के फर्नीचर यार्ड में से एक स्थान पर नेताजी ने सम्मेलन किया था. इसके विरोध में नेताजी सुभाष चंद्र बोस रामगढ़ आये तथा समझौता विरोधी सम्मेलन 19 मार्च, 1940 को रामगढ़ में किये.

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Subhas Chandra Bose Jayanti 2023: सुभाष चंद्र बोस को किसने दी ... (दैनिक जागरण)

'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' का नारा देने वाले नेताजी ने स्वतंत्रता की ...

सुभाष चंद्र बोस को नेताजी की उपाधि एक जर्मन तानाशाह ने दिया था। दरअसल, सुभाष चंद्र बोस देश की आजादी के लिए कुछ भी करने को तैयार थे और इसी के चलते वे जर्मनी पहुंचकर तानाशाह अडोल्फ हिटलर से मिले थे। हिटलर ने भारत को आजादी दिलाने में कोई मदद तो नहीं की, लेकिन उन्होंने सुभाष चंद्र बोस से मिलते ही नेताजी के नाम से पुकारा। इसी मुलाकात के बाद सुभाष चंद्र बोस को नेताजी के नाम से जाना गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के महात्मा गांधी से विचार नहीं मिलते थे। महात्मा गांधी ने हमेशा अहिंसा की बात की थी और उसी से देश में आजादी पाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसक दांडी मार्च (नमक सत्यग्रह) निकाला था। दूसरी ओर नेताजी उनसे एकदम अलग सोच रखते थे, उनका मानना था कि देश को आजादी दिलाने के लिए अहिंसा से काम नहीं चल सकता। उन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ने के लिए एक अलग राजनीतिक पार्टी ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की थी। नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Subhas Chandra Bose Jayanti 2023 नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126 वीं जयंति है। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक में हुआ था। 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' का नारा देने वाले नेताजी ने स्वतंत्रता की लड़ाई में आम लोगों में एक अलग जोश पैदा किया था। उनका यह नारा हर भारतीय को याद है। सुभाष चंद्र बोस कई बार जेल भी गए और देश की पहली भारतीय फोज 'आजाद हिंद फोज' की स्थापना की थी। लेकिन क्या आप जानते हैं उन्हें नेताजी सबसे पहले किसने कहा था, आइए जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें....

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Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज ... (News18 इंडिया)

2023 Netaji Subhash Chandra Bose Wishes Speech Quotes: देश के स्‍वतंत्रता आन्‍दोलन के सबसे बड़े नायक नेताजी ...

देश को एकजुट करने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमेशा प्रयासरत रहे. उनके इस नारे ने भारतीय लोगों में आजादी के लिए जोश भर दिया. नेताजी जिस काम को करने की ठान लेते थे, उसे किसी भी कीमत पर करते थे.

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Subhash Chandra Bose Jayanti: याद रखिये सबसे बड़ा अपराध...,पराक्रम ... (आज तक)

सुभाष चंद्र बोस एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं. वह अपने भाषणों और नारों से लोगों ...

>भारत पुकार रहा है, रक्त रक्त को पुकार रहा है. नेताजी की रणनीतियां और उनके द्वारा बनाई गई आजाद हिंद फौज का पराक्रम अंग्रेजों के भारत छोड़ कर जाने की वजहों में शामिल था. उनके जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है.

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Netaji Shubhas Chandra Bose Jayanti 2023: Wishes, Greetings ... (Jagran Josh)

January 23 is celebrated as Parakram Diwas every year. This day marks the 126th birth anniversary of the Indian freedom fighter Netaji Shubhash Chandra Bose ...

And in our last sleep we shall kiss the road that will bring our Army to Delhi.”- Netaji Subhas Chandra Bose - On the occasion of Subhas Chandra Bose Jayanti, best wishes. Currently, we require a leader with the same courage and patriotism as Subhas Chandra Bose to help us build the kind of country we have always imagined. Subhash Chandra Bose Jayanti messages and celebrations are done in schools and colleges with parades, cultural events, etc. Happy Subhash Chandra Bose Jayanti. At the Special Bureau of India in Berlin, Subhas Chandra Bose was given the title "Netaji" by German and Indian officials. Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2023: One of the most well-known and recognizable Indian leaders and freedom fighters is Subhash Chandra Bose, also referred to as "Netaji." Even though the circumstances surrounding his death remain a mystery, his legacy continues to motivate people. But that had no bearing on his determination to fight the British. Deeply influenced by his thoughts, we are working to realise his vision for India.— Narendra Modi (@narendramodi) His wartime alliances with Nazi Germany and Imperial Japan left a legacy troubled by authoritarianism, anti-Semitism, and military failure. In order to liberate India from British rule in 1943, Netaji led the Indian National Army, also known as the Azad Hind Fauj.

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Subhash Chandra Bose Jayanti: कोलकाता मिंट ने की थी नेताजी से जुड़ी ... (दैनिक जागरण)

जन्मशताब्दी वर्ष 1997 में भारत सरकार की ओर से सिक्का जारी करने का निर्णय लिया गया था ...

अमरेंद्र कहते हैं कि आज की तारीख में स्वतंत्र भारत में जारी अब तक के सिक्कों में सबसे महंगा माना जाता है। इन सिक्कों को अपनी गैलरी में शामिल करने के लिए पांच हजार से अधिक रुपये खर्च किए। ये सिक्के कुछ गिने चुने सिक्के संग्रहकर्ताओं के पास ही उपलब्ध है। अमरेंद्र आनंद के हेरीटेज गैलरी में ये सिक्के मौजूद हैं। नेताजी की जन्मशताब्दी वर्ष पर जारी किए गए यह दो रुपये के सिक्के एक तरह से धरोहर बन चुके हैं। अमरेंद्र आनंद के आनंद हेरिटेज गैलरी में इसे देखने लोग आते हैं। अमरेंद्र आनंद के पास पांच हजार से अधिक प्राचीन एवं आधुनिक सिक्कों का कलेक्शन है। पांच हजार से अधिक प्राचीन एवं आधुनिक सिक्कों एवं कागजी नोटों के संग्रहकर्ता कुसुम विहार निवासी अमरेंद्र आनंद बताते हैं कि स्वतन्त्र भारत के सिक्कों के इतिहास में एक भयंकर भूल हुई थी। यह भूल नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी हुई है। 23 जनवरी 1897 को जन्मे नेताजी की जन्म शताब्दी वर्ष 1997 में भारत सरकार की ओर से सिक्का जारी करने का निर्णय लिया गया था। कोलकाता मिंट में बड़े स्तर पर सिक्कों का निर्माण किया जाता है। कोलकता मिंट की गलती से यह सिक्का एक वर्ष पहले 1996 में ही जारी कर दिया गया। जन्मशताब्दी वर्ष 1997 में भारत सरकार की ओर से सिक्का जारी करने का निर्णय लिया गया था लेकिन कोलकाता मिंट ने गलती से यह सिक्का एक वर्ष पहले 1996 में ही जारी कर दिया। यह आजाद भारत में जारी अब तक का सबसे महंगा सिक्का है।

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Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 : नेताजी की जयंती 'पराक्रम दिवस ... (Hindustan हिंदी)

Subhash Chandra Bose Jayanti 2023, Netaji Quotes, Messages Photos : कल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती है।

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Parakram Diwas 2023: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आज मनाया ... (प्रभात खबर)

इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती है. नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था. यह ...

बता दें कि जिस प्रकार पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती मनाई जाती थी, उसी प्रकार आगे भी इनकी जन्म जयंती मनाई जाएगी. इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती है. Parakram Diwas 2023: भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस (Parakram Diwas)’ के रूप में मनाने का फैसला किया है.

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Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: सुभाष चंद्र बोस के ये 10 अनमोल ... (Zee News Hindi)

Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 23 जनवरी को जन्म जयंती है. जैसे ही 23 जनवरी ...

Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 23 जनवरी को जन्म जयंती है. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल है, जिनसे आज के दौर की युवा प्रेरणा लेता है. पटनाः Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 23 जनवरी को जन्म जयंती है.

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Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: आज भी जोश और ऊर्जा से भर ... (दैनिक जागरण)

वीर सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है। इस खास मौके पर हर कोई उन्हें ...

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CM योगी बोले- नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपने पूरे करने के लिए PM मोदी के ... (ABP News)

Yogi Adityanath ने कहा, प्रत्येक नागरिक में राष्ट्र भक्ति का भाव पैदा हो और हम सब अपनी ...

मुख्यमंत्री ने कहा कि बोस ने स्पष्ट किया था कि जिन लोगों ने हमारे देश को गुलाम बनाया है, हम उनकी अधीनता स्वीकार नहीं करेंगे और हम किसी भी बड़े पद को ठुकरा सकते हैं और उन्होंने उस समय की सबसे बड़ी आईसीएस की सेवा छोड़ दी. आज भारत नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति 'पराक्रम दिवस' के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है.'' Subhash Chandra Bose Jayanti: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) का सुरक्षित और स्वावलंबी भारत बनाने का जो सपना था, उसे पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है.

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Subhas Chandra Bose Jayanti: Nation celebrates 126th birth ... (Hindustan Times)

Born on January 23, 1897, Netaji Subhas Chandra Bose played a crucial role in India's freedom movement. The Modi government is observing January 23, 2022, ...

He noted that the islands will be a source of inspiration for generations to come. PM Modi said it will infuse feelings of patriotism among people. On the occasion, Prime Minister Narendra Modi virtually unveiled the model of a proposed memorial dedicated to Netaji, to be set up in Andaman and Nicobar Islands.

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सुभाष चंद्र बोस जयंती 2023 : 23 जनवरी पराक्रम दिवस पर जानें नेताजी के ... (Hindustan हिंदी)

सुभाष चंद्र बोस जयंती 2023 : 23 जनवरी पराक्रम दिवस पर जानें नेताजी के बारे में ये 10 खास बातें.

दिल्ली चलो, जैस करिश्माई नारों से देश की आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 23 जनवरी को 127वीं जयंती है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है। देश के स्वाधीनता आंदोलन के नायकों में से एक नेताजी की जीवनी, उनके विचार और उनका कठोर त्याग आज के युवाओं के लिए बेहद प्रेरणादायक है। भारत सरकार नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के तौर पर मना रही है। यहां जानें उनके जीवन से जुड़ी 10 खास बातें - सुभाष चंद्र बोस जयंती 2023 : 23 जनवरी पराक्रम दिवस पर जानें नेताजी के बारे में ये 10 खास बातें [हिंदी न्यूज़](/) [करियर](/career/)सुभाष चंद्र बोस जयंती 2023 : 23 जनवरी पराक्रम दिवस पर जानें नेताजी के बारे में ये 10 खास बातें

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